बच्चों की शिक्षा सुचारू बनाना सबसे ज्यादा जरूरी : आदर्श कुमार शाक्य

शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों के व्यक्तिगत और सामाजिक फायदे हैं। अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य का अर्थ होता है भविष्य में अच्छी नौकरी, आमदनी और परिवार का बेहतर जीवनस्तर। वहीं सामाजिक फायदे यह हैं कि स्वस्थ और शिक्षित नागरिक देश के आर्थिक व चहुंमुखी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यानी शिक्षा व स्वास्थ्य मानव विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। इसीलिए दुनियाभर के विकसित व विकासशील देश दोनों क्षेत्रों में खुले दिल से पैसा खर्च करते हैं। कई देशों में सरकारी अस्पताल व स्कूल दोनों ही उच्चतम दर्जे के होते…

बीमार होता देश और बेकाबू होती आबादी : आदर्श कुमार

आज भारत देश अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त नजर आ रहा है। बढ़ती आबादी के बोझ तले देश का विकास और स्वास्थ्य सेवाएं बौनी साबित हो रही हैं। देश में विकास की गति कम नहीं है, किंतु आबादी पर नियंत्रण न होने के कारण समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भारत की लगभग सभी समस्याओं के मूल में जनसंख्या विस्फोट प्रमुख कारण है। इससे लोगों की मानसिकता, शारीरिक स्वास्थ्य और जीवन में गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। बढ़ती हुई आबादी के कारण…

पर्यावरण को बचाना है तो वृक्षारोपण है जरूरी : आदर्श कुमार (सम्पादक दस्तक मीडिया ग्रुप)

जंगल हों या वृक्ष इनका मानव जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान है। असलियत यह है कि वृक्ष दुनिया में जीवन का समर्थन करने वाली अहम और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाहते हैं। यह ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। लेकिन आज जिस तेजी से समूची दुनिया में जंगल खत्म हो रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब जंगलों के अभाव में धरती पर पाई जाने वाली बहुमूल्य जैव सम्पदा बड़ी तादाद में नष्ट हो जाएगी जिसकी भरपाई की कल्पना ही बेमानी होगी।…

जब बुद्ध ने बताया पूजा का तरीका: आदर्श कुमार

राजगृह पथ पर जा रहे गौतम बुद्ध ने देखा, एक गृहस्थ भीगे वस्त्र पहने सभी दिशाओं को नमस्कार कर रहा था। बुद्ध ने पूछा, ”महाशय, इन छह दिशाओं की पूजा का क्या अर्थ है ? यह पूजा क्‍यों करनी चाहिए ?”गृहस्थ बोला, “यह तो मैं नहीं जानता।”बुद्ध ने कहा, “बिना जाने पूजा करने से क्या लाभ होगा ?”गृहस्थ ने कहा, ”भंते, आप ही कृपा करके बतलाएँ कि दिशाओं की पूजा क्‍यों करनी चाहिए ?” तथागत बोले, “ पूजा करने की दिशाएँ भिन्‍न हैं । माता-पिता और गृहपति पूर्व दिशा हैं,…

खसरे का खतरा भारत पर : आदर्श कुमार

खसरा एक वायरल बीमारी है जो कि सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। जब कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित होता है, तो संक्रमण दस दिनों तक रह सकता है, जिसके दौरान व्यक्ति बुखार और चकत्ते के अलावा कान में संक्रमण, तेज बुखार, थकान, गंभीर खांसी, लाल या खून वाली आंखें, और नाक बहना ,दस्त और निमोनिया जैसी विभिन्न बीमारियों का अनुबंध कर सकता है। इस साल अब तक इस बीमारी के प्रकोप में कुल 3,534 बच्चे आ चुके हैं और बहुत से बच्चों की मौत हो चुकी…

कृषि-रसायन का बढ़ता उपयोग वरदान या अभिशाप :आदर्श कुमार

कृषि-रसायन वे पदार्थ हैं, जिनका उपयोग मनुष्य कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के प्रबंधन हेतु करता है। कृषि रसायनों का इस्तेमाल फसल उत्पादन में सुधार के लिए शुरू हुआ था, लेकिन वर्तमान में इन रसायनों का अधिक एवं असंतुलित मात्रा में प्रयोग हो रहा है। ये रसायन आसपास मृदा और जल निकायों में रिसते हैं और पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। आज कृषि रसायनों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने वाले किसानों तथा उनके परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी गंभीरता से प्रभावित होता है। भारत में बहुसंख्यक आबादी…

भारतीय रिजर्व बैंक की नई शुरुआत ई-रुपया : आदर्श कुमार

आरबीआई की ओर से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को लेकर 7 अक्टूबर, को एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया। इस कॉन्सेप्ट नोट में सेंट्रल बैंक ने बताया है कि वह कुछ खास इस्तेमालों के लिए जल्दी ही डिजिटल करेंसी (ई-रुपया) पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च करेगा। इस कॉन्सेप्ट नोट में टेक्नोलॉजी और डिजाइन के साथ ई-रुपया के उपयोग एवं इसे जारी करने के सिस्टम पर चर्चा की गई है। ई-रुपया के अंतिम रूप पर फैसला पायलट प्रोजेक्ट से मिले फीडबैक के आधार पर ही आरबीआई की ओर से…

कौतूहल का विषय है युवा लेखक अंकित मौर्य का यात्रा वृत्तांत “भटका मुसाफिर”: आदर्श कुमार

साहित्य और रचना में यात्रा की भुमिका एतिहासिक काल से महत्वपूर्ण रही है। समय-समय पर यात्रा के लेख एवं कला ने विश्व प्रसिद्ध साहित्यकारों को पहचान और मुकाम हासिल कराया है। ऐसे ही भारत के सबसे युवा यात्रा वृत्तांत लेखक हैं “अंकित मौर्य “ मूल प्रतापगढ़ सिटी (उत्तर प्रदेश) के निवासी अंकित मौर्य फिलहाल अहमदाबाद में रह रहे हैं एवं प्रतियोगि युवाओं और सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हैं। लेखक और इंजीनियर अंकित मौर्य का यात्रा एवं यायावरी के क्षेत्र में भारी रुझान होने के चलते ,उन्होने समय – समय…

सुभासपा को फिर अपने पाले में लाने की कोशिश में भाजपा,ओमप्रकाश से मिले दयाशंकर सिंह

भाजपा एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को अपने पाले में लाने की तैयारी में है। अगर भाजपा की रणनीति सफल रही तो दूसरे चरण के चुनाव से पहले सुभासपा से फिर गठबंधन हो सकता है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने राजभर से तीन दौर की बात की है। भाजपा और सुभासपा ने 2017 में गठबंधन से चुनाव लड़ा था। सुभासपा को 8 सीट मिली थीं जिसमें से उसने 4 सीटें जीती थी। भाजपा ने सरकार बनने पर ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री भी बनाया था।…

यूपी की सियासत में स्वामी प्रसाद मौर्य का असर : समझें आदर्श कुमार शाक्य की रिपोर्ट

देश के सबसे बढ़े सूबे उत्तर प्रदेश में चुनावी समर भूमि सज गई है। कहीं गढ़ बचाने की लड़ाई है, तो कहीं नया गढ़ बनाने की चुनौती। सियासी ताकत और जातीय अस्मिता के सवाल खूब उछाले जा रहे हैं। वादों की बौछार हो रही है, तो मुद्दों की धार पैनी की जा रही है। वोटों के ध्रुवीकरण के लिए जाति और धर्म का रंग गाढ़ा किया जा रहा है। चाय-पान की दुकानों से लेकर चौराहों की अड़ियों तक जीत-हार के दावे किए जा रहे हैं। कहीं नाम और काम हावी…

जल ही जीवन है ,जल है तो कल है: जय प्रकाश श्रीवास्तव

विश्व जल दिवस के अवसर पर निस्पक्छ मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश श्रीवास्तव ने समस्त देशवासियों और संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों को अनंत कोटि शुभकामनाएं दीं और कहा की आज विश्व जल दिवस के रूप में हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए. हमारे पूर्वजों ने इतने अच्छे-अच्छे बाग बगीचे तैयार करके दिए थे. आज हम अपने बच्चों को पेड़ काटकर खेत बनाकर अधिक से अधिक हाइब्रिड की उपज से जल्द से जल्द अमीर बनना चाहते हैं .यह भूल जाते हैं हाइब्रिड और दवाओं के प्रयोग से…

ये है दुनिया का सबसे अमीर राजा, जिसके उपहार बांटने से गिर जाती थी सोने की कीमत

आपने बहुत से अमीर राजाओं और लोगों की कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी, लेकिन ये कहानी है दुनिया के सबसे अमीर राजा की, जिसके उपहारों ने एक देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी। हालांकि, उस राजा का देश अब खुद आर्थिक संकट से जूझ रहा है। माना जाता है कि इसी राजा ने पश्चिम अफ्रीका में शिक्षा की परंपरा शुरू की थी। वर्तमान में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस, जिनकी संपत्ति 99 बिलियन पाउंड (9028 अरब रुपये से भी ज्यादा) है, वह भी इस राजा के आसपास नहीं…

भारत : वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से संभालने की जरूरत, नहीं तो लातिन अमेरिका जैसा बन जायेगा

भारत में जब कोविड की दूसरी लहर अपना तांडव मचा रही है, तब तमाम अर्थशास्त्री आर्थिक वृद्धि दर के बारे में अपने अनुमानों में संशोधन कर रहे हैं. अधिकतर टीकाकार इस बात पर सहमत हैं कि इस साल के अंत में अर्थव्यवस्था उस स्तर पर पहुंच जाएगी जिस स्तर पर दो साल पहले थी. सवाल यह है कि उसके बाद क्या होगा. क्या यह उम्मीद की जाए कि आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी या देश को बीच में जाकर निराशा हाथ लगेगी? इसके जवाब में पहली बात यह है, जो…

सरकार जिम्मेदार है : भारत एक भयानक संकट के बीच खड़ा है

भारत आज जिस संकट में फंस गया है उसका बयान इसी तरह किया जा सकता है. वह ऑक्सीजन से लेकर एन-95 मास्क तक और ऑक्सीमीटर से लेकर वैक्सीन तक तमाम चीजों के लिए बड़े देशों से मदद मांग रहा है. और ये सारी चीजें लेकर जब विशाल मालवाही विमान हमारी धरती पर उतरेंगे तब हमारे तमाम केंद्रीय मंत्री खुशी से ट्वीट कर रहे होंगे. अभी कुछ सप्ताह पहले तक वे इस संभावना को बड़ी नफरत से खारिज कर रहे थे कि हमारे ‘न्यू इंडिया’ को विदेशी मदद की जरूरत पड़…

जब बुद्ध ने समझाया मौन का महत्त्व

एक व्यक्ति, कोई जिज्ञासु, एक दिन आया। उसका नाम मौलुंकपुत्र था, एक बड़ा ब्राह्मण विद्वान्‌; पाँच सौ शिष्यों के साथ बुद्ध के पास आया था। निश्चित ही उसके पास बहुत सारे प्रश्न थे। एक बड़े विद्वान्‌ के पास ढेर सारे प्रश्न होते ही हैं, समस्याएँ ही समस्याएँ। बुद्ध ने उसके चेहरे की तरफ देखा और कहा, ‘मौलुंकपुत्र, एक शर्त है । यदि तुम शर्त पूरी करो, केवल तभी मैं उत्तर दे सकता हूँ। मैं तुम्हारे सिर में भनभनाते प्रश्नों को देख सकता हूँ। एक वर्ष तक प्रतीक्षा करो। ध्यान करो,…

एवरेस्ट विजेता आईएएस रविन्द्र को सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यान अज्ञेय सम्मान

 एवरेस्ट फतह करने वाले पहले आईएएस अधिकारी रविन्द्र कुमार को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यान अज्ञेय पुरस्कार मिलेगा। रविंद्र कुमार वर्तमान में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के डीएम हैं। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर दूसरी बार फतह करनेवाले देश के प्रथम आईएस अधिकारी का गौरव हासिल कर चुके हैं। 26 फरवरी 2021 को उत्तरप्रदेश के हिन्दी संस्थान के वर्ष 2019 के सम्मानों पुरस्कारों पर निर्णय लेने के लिए गठित पुरस्कार समिति की बैठक में रविन्द्र की पुस्तक एवरेस्ट : सपनों की उड़ान – सिफर से…

उत्तम व्यक्ति कौन ? बुद्ध ने बताया

गौतम बुद्ध एक शहर में प्रवास कर रहे थे। उनके कुछ शिष्य भी उनके साथ थे । उनके शिष्य एक दिन शहर में घूमने निकले तो उस शहर के लोगों ने उन्हें बहुत बुरा भल्रा कहा – शिष्यों को बहुत बुरा ल्रगा और बे वापस लौट गये । गौतम बुद्ध ने जब देखा कि उनके सभी शिष्य बहुत क्रोध में दिख रहे हैं तो, उन्होंने पूछा – “क्या बात है आप सभी इतने तनाव में क्यूँ दिख रहे है।” तभी एक शिष्य क्रोध में बोला, “हमें यहाँ से तुरंत प्रस्थान…

जब बुद्ध ने युवक को सत्संग का महत्व समझाया : आदर्श कुमार

बुद्ध एक गाँव में ठहरे हुए थे। वे प्रतिदिन शाम को वहाँ पर सत्संग करते थे। भक्तों की भीड़ होती थी, क्योंकि उनके प्रवचनों से जीवन को सही दिशा बोध प्राप्त होता था। बुद्ध की वाणी में गजब का जादू था। उनके शब्द श्रोता के दिल में उतर जाते थे। एक युवक प्रतिदिन बुद्ध का प्रवचन सुनता था। एक दिन जब प्रवचन समाप्त हो गए, तो वह बुद्ध के पास गया और बोला, ‘महाराज! मैं काफी दिनों से आपके प्रवचन सुन रहा हूँ, किंतु यहाँ से जाने के बाद मैं…

जब हिटलर से पहली बार मिले नेता जी सुभाष बाबू , फिर क्या हुआ

अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को जब-जब याद किया जाएगा एक नाम जरूर सबकी जुबां पर होगी. वह नाम है नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम. वहीं सुभाष चंद्र बोस जिन्होंने ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा’ का नारा बुलंद किया था. जिन्होंने देशवासियों से कहा था कि याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है. जिन्होंने कहा था कि सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी है. उनकी बातें, उनका संघर्ष और उनकी जिंदगी तीनों आज भी…

पानी के साथ जीवन की सीख भी देती थी खत्म हो रहीं बावड़ियां : आदर्श कुमार

बावड़ि़यां वास्तुकला और जल संचय व्यवस्था का एक अद्भुत रूप है जो 7वीं शताब्दी के बाद से समूचे राजस्थान और गुजरात में आज तक बची हुई हैं। गुजरात में इनकी महत्ता और कौशल ने जो स्थान प्राप्त किया है उसे अब पार करना मुश्किल है। हालांकि पश्चिमी भारत की कला और वास्तुकला के इतिहास की कई किताबों में इन बावड़ियों की उपेक्षा की गई है परंतु इस क्षेत्र की वास्तुकला और शिल्पकला के विकास में आए बदलाव को ये भलीभांति दर्शाती हैं। ये बावड़ियां पानी तो देती ही थीं पानी…