क्या होता है MSP ? जो की आजकल बहुत है चर्चा में ,पढ़िए The Dastak 24 की एक रिपोर्ट —-

मोदी सरकार ने बुधवार को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 200 रुपये बढ़ा दिया है. कैबिनेट बैठक में सरकार ने खरीफ फसल का MSP बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलने का रास्ता खुल गया है.   अब दोस्तों जान लीजिये आखिर यह होता क्या है MSP ?   किसानों के हितों की रक्षा करने की खातिर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था लागू की गई है. अगर कभी फसलों की कीमत गिर जाती है, तब भी सरकार तय न्यूनतम समर्थन मूल्य…

एटा: राजनैतिक योद्धा महादीपक शाक्य के बारे में जानें

एटा के पूर्व सांसद, भाजपा नेता डा. महादीपक शाक्य ने मंगलवार 10 नवंबर 2020 को अपने आवास गांव अगौनापुर में अंतिम सांस ली। 99 साल की उम्र में मंगलवार को पूर्व सांसद का देहांत हो गया। पूर्व सांसद की मौत के बाद उनके समर्थक और खासकर शाक्य समाज में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी मिलने पर घर पर कई नेता, सामाजिक कार्यकर्ता व अन्य लोग उनके घर पहुंचे। महादीपक शाक्य के बारे में जानें मूल रूप से गांव अगौनापुर के रहने वाले डा. महादीपक शाक्य पहले ऐसे सांसद थे…

आखिर क्या है अविश्वास प्रस्ताव? रिपोर्ट आदर्श कुमार की

अविश्वास का प्रस्ताव एक संसदीय प्रस्ताव है, जिसे पारंपरिक रूप से विपक्ष द्वारा संसद में एक सरकार को हराने या कमजोर करने की उम्मीद से रखा जाता है या दुर्लभ उदाहरण के रूप में यह एक तत्कालीन समर्थक द्वारा पेश किया जाता है, जिसे सरकार में विश्वास नहीं होता। यह प्रस्ताव नये संसदीय मतदान (अविश्वास का मतदान) द्वारा पारित किया जाता है या अस्वीकार किया जाता है। तो आइए, यह जानते हैं कि आखिर यह अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है, सबसे पहले संसद में यह कब आया और अब तक…

संसद ने लोकसभा अध्यक्ष को दी हैं असीमित शक्तियां : पढ़ें रिपोर्ट आदर्श कुमार की

लोकसभा अपने निर्वाचित सदस्यों में से एक सदस्य को अपने अध्यक्ष (स्पीकर) के रूप में चुनती है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष कहा जाता है।लोक सभा में कार्य संचालन का उत्तरदायित्व अध्यक्ष का होता है। अध्यक्ष, इस पद पर निर्वाचित किये जाने की तारीख से लेकर जिस लोक सभा में उसका निर्वाचन किया गया हो, उसके भंग होने के बाद नई लोक सभा की प्रथम बैठक के ठीक पहले तक इस पर आसीन रहता है। वह पुनः इस पद पर निर्वाचित हो सकता है। लोक सभा भंग होने की स्थिति में यद्यपि…

भगवान राम को झूठे बेर खिलाने वाली शबरी के वंशजों का भविष्य संवार रहे ये ‘पुलिस बाबा’

एक ट्रैफिक कांस्टेबल का क्या काम है? सड़क पर वाहनों को प्रबंधित करना, लेकिन अरूप मुखर्जी जुदा हैं। कोलकाता पुलिस के साउथ ट्रैफिक गार्ड में तैनात 44 साल के अरूप एक पूरे समुदाय को प्रबंधित कर रहे हैं। ऐसा समुदाय, जो खुद को शबरी का वंशज कहता है, जिन्होंने भगवान श्रीराम को जूठे बेर खिलाए थे। अरूप ‘शबर’ नामक इस आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए पुरुलिया जिले के पुंचा थानांतर्गत पांडुई ग्राम में नि:शुल्क आवासीय स्कूल चलाते हैं। यहां उनके पढऩे-लिखने व रहने से लेकर कपड़े व चिकित्सा तक…

भारत में मानवाधिकार :आदर्श कुमार

द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद 1948 में 48 देशों के समूह ने समूची मानव-जाति के मूलभूत अधिकारों की व्याख्या करते हुए एक चार्टर पर हस्ताक्षर किये थे। इसमें माना गया था कि व्यक्ति के मानवाधिकारों की हर कीमत पर रक्षा की जानी चाहिये। भारत ने भी इस पर सहमति जताते हुए संयुक्त राष्ट्र के इस चार्टर पर हस्ताक्षर किये। हालाँकि देश में मानवाधिकारों से जुड़ी एक स्वतंत्र संस्था बनाने में 45 वर्ष लग गए और तब कहीं जाकर 1993 में NHRC अर्थात् राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अस्तित्व में आया जो…

बीपी मंडल की वो सिफारिशें जिन्होंने भारत की राजनीति बदल दी : आदर्श कुमार शाक्य

साल 1990 में केंद्र की तत्कालीन विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार ने दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग, जिसे आमतौर पर मंडल आयोग के रूप में जाना जाता है, की एक सिफ़ारिश को लागू किया था. ये सिफारिश अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में सभी स्तर पर 27 प्रतिशत आरक्षण देने की थी. इस फ़ैसले ने भारत, खासकर उत्तर भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया. इस आयोग के अध्यक्ष थे बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल यानी बीपी मंडल. साल 2018 बीपी मंडल का जन्मशती वर्ष है. बीपी मंडल का जन्म…

कश्मीरी बच्चों और महिलाओं के लिए चिंतित हूं, इन्हें सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका: मलाला यूसुफजई

लंदन: नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित एवं पाकिस्तानी शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने बृहस्पतिवार को कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकाले जाने की अपील की. मलाला ने कहा कि हम सभी शांति के साथ रह सकते हैं और एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कोई आवश्यकता नहीं है. भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को निरस्त कर दिया है और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया है. इसके जवाब में, पाकिस्तान ने बुधवार को…

विदेश नीति पर पहले कार्यकाल में मोदी व्यापक रूप से सफल रहे, उम्मीद है कि वह इसे फिर से दोहराएंगे

आदर्श कुमार की कलम से …….वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने विश्व पटल पर अपने लिए तब विशेष सम्मान अर्जित किया जब उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में किसी दल को तीस साल बाद अपने दम पर बहुमत दिलाने का करिश्मा किया था। अब उनकी शानदार जीत न केवल उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगी, बल्कि इससे दुनिया के पहली पांत के नेताओं में उनकी स्थिति और मजबूत होगी। इसके साथ ही क्षेत्र में उनके समकक्ष और दुनियाभर की बड़ी शक्तियों के नेता उनके और भारत के साथ रिश्ते…

कितना सफल है भारत का लोकतंत्र :आदर्श कुमार

देश में लोकसभा के चुनावों का दौर चल रहा है और कहा यह जाता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत में चुनावों को एक उत्सव की भाँति लिया जाता है। भारत के लोकतंत्र की वैश्विक प्रतिष्ठा भी है और हमारा निर्वाचन आयोग कई विकासशील एवं अल्प-विकसित देशों में होने वाले चुनावों के संचालन में सहयोग भी देता है। लोकतंत्र सूचकांक (Democracy Index) में भारत की स्थिति लंदन स्थित द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट हर साल दुनियाभर के देशों के लिये डेमोक्रेसी इंडेक्स यानी लोकतंत्र सूचकांक जारी करता है। 2018 के लिये…

आदिवासी लिंचिंग के पीड़ितों ने कहा, हमें पीटने वाली भीड़ जय श्रीराम के नारे लगा रही थी

झारखंड के गुमला ज़िले में बीते 10 अप्रैल को गोहत्या के शक में भीड़ ने कुछ आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इसमें एक आदिवासी की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे.   10 अप्रैल 2019 को झारखंड में गुमला के डुमरी ब्लॉक के जुरमु गांव के रहने वाले 50 वर्षीय आदिवासी प्रकाश लकड़ा को कथित तौर पर गोहत्या के शक में पड़ोसी जैरागी गांव के लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया. भीड़ के हमले में घायल तीन अन्य पीड़ित- पीटर केरकेट्टा, बेलारियस मिंज…

पीएम मोदी के गुजरात में किसानों पर सूखे की मार, उनके हिस्से का पानी फैक्ट्रियों को दे रही बीजेपी सरकार

देश में रिकॉर्ड सुखे की मार झेल रहे गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र में जहां किसान अपने खेतों के लिए बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं इलाके की फैक्ट्रियों को पानी की कोई कमी नहीं है। अलबत्ता इन फैक्ट्रियों को दबा के पानी दिया जा रहा है। आरोप है कि इन इलाकों में किसानों के हिस्से का पानी फैक्ट्रियों को दिया जा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी पर आधारित इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक इन इलाकों में फैक्ट्रियों को तो दबा के पानी दिया…

सामाजिक क्रांति व शिक्षा के अग्रदूत राष्ट्रपिता ज्योतिराव गोविंदराव फुले की आज है जयंती

ज्योतिबा फुले जी का जीवन परिचय:- ज्योतिराव गोविंदराव फुले  का जन्‍म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में महाराष्‍ट्र की एक माली जाति में हुआ था। ज्योतिबा के पिता का नाम गोविन्‍द राव तथा माता का नाम विमला बाई था । एक साल की उम्र में ही ज्योतिबा फुले की माता का देहान्‍त हो गया । पिता गोविन्‍द राव जी ने आगे चल कर सुगणा बाई नामक विधवा जिसे वे अपनी मुंह बोली बहिन मानते थे उन्‍हें बच्‍चों की देख-भाल के लिए रख लिया । ज्योतिबा को पढ़ाने की ललक से…

धर्मपरिवर्तन के बाद लड़कियां पत्नियां बनती हैं, बेटियां या बहनें क्यों नहीं? :आदर्श कुमार

पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन पर पाकिस्तान के हिंदू भी सवाल खड़ा कर रहे हैं. सिंध की दो नाबालिग़ हिंदू लड़कियों और उनके पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. मामला गुरुवार का है लेकिन रविवार को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्वीट के बाद ये और सुर्ख़ियों में आया. पाकिस्तान में लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आख़िर कम उम्र की हिंदू लड़कियां ही क्यों इस्लाम से प्रभावित होकर धर्म परिवर्तन करती हैं?…

क्या महात्मा गांधी ने रखा था कांग्रेस अध्यक्ष के लिए जेपी के नाम का प्रस्ताव?

क्या प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने उनका नाम कांग्रेस अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया था? यह एक ऐसा सवाल है जो राजनीति की किताब में तो मिल जाएगा लेकिन इसे लेकर बातचीत कम ही होती है। दरअसल, जयप्रकाश नारायण ने मातृभूमि की मुक्ति के एक आंदोलन के रूप में अपनी भूमिका के चलते 1942 तक अग्रणी नायक की ख्याति पा ली थी। गांधी उनकी योग्यता से प्रभावित हुए और कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए जेपी के नाम का प्रस्ताव दिया लेकिन गांधी जी के इस प्रस्ताव को कांग्रेस…

खतरे में है भारत की सांस्कृतिक अखंडता और विरासत : आदर्श कुमार

भारत देश एक बहु-सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ बना एक ऐसा राष्ट्र है जो दो महान नदी प्रणालियों, सिंधु तथा गंगा, की घाटियों में विकसित हुई सभ्यता है, यद्यपि हमारी संस्कृति हिमालय की वजह से अति विशिष्ट भौगोलीय क्षेत्र में अवस्थित, जटिल तथा बहुआयामी है, लेकिन किसी भी दृष्टि से अलग-थलग सभ्यता नहीं रही। भारतीय सभ्यता हमेशा से ही स्थिर न होकर विकासोन्मुख एवं गत्यात्मक रही है। भारत में स्थल और समुद्र के रास्ते व्यापारी और उपनिवेशी आए। अधिकांश प्राचीन समय से ही भारत कभी भी विश्व से अलग-थलग नहीं रहा।…

पेड़ लगाएं और इस खूबसूरत धरा को बचाएं : आदर्श कुमार

मित्रो  दुनिया में आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हम तमाम संकल्प लेते हैं, कई प्रतिज्ञाएं करते हैं कि अपने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए ये करें वो करें. लेकिन अगले ही दिन इन सब बातों को भूल हर हमारी गाड़ी पुराने स्टाइल में चलने लगती है. इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी भारत कर रहा है. इस साल के पर्यावरण दिवस की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण से धरती को दूर रखना’ है.आखिर क्यों हम अपने पर्यावरण को इस तरह…

रोजगार के आंकड़ों पर मचे घमासान का मतलब जानिए : आदर्श की रिपोर्ट

भारत सरकार की एक लीक हुई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस समय बेरोज़गारी की दर 1970 के दशक के बाद से सबसे ज़्यादा है. हालांकि इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद नीति आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया है कि ये कोई फ़ाइनल रिपोर्ट नहीं थी. बावजूद इसके क्या है इस रिपोर्ट में दावा, क्या है इसके मायने और और ख़ासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इसका क्या मतलब है, जिन पर आरोप है कि वो इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करना…

आज जान लें! क्या होती है आचार संहिता, क्यों और कब होती है:- आदर्श कुमार की रिपोर्ट

आचार संहिता चुनावों की घोषणा होते ही लागू कर दी जाती है। इसके बारे में तो आपने कई बार सुना होगा कि आचार संहिता लागू कर दी गई है लेकिन ये कब और क्यों लागू की जाती है। यह एक बड़ा सवाल है। आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा होने के साथ लागू हो जाती है और नतीजे आने तक जारी रहती है। भारतीय चुनावों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाली आचार संहिता चुनाव समिति द्वारा बनाया गया वो दिशानिर्देश होता है जिसे सभी राजनीतिक पार्टियों को मानना…

आखिर 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है देशभर में हिंदी दिवस? : आदर्श कुमार की रिपोर्ट

प्रस्तुत है आदर्श कुमार की रिपोर्ट हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।वर्ष 1918  में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था।…