हर समय पाखंडियों ने बहुजन मूलनिवासी समाज ठगा, देवी देवताओं पर क्या थी रामास्वामी पेरियार की सोच?

आज़ादी से पहले और इसके बाद के तमिलनाडु में पेरियार का गहरा असर रहा है और राज्य के लोग उनका कहीं अधिक सम्मान करते हैं. पेरियार के नाम से विख्यात, ई. वी. रामास्वामी का तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर असर इतना गहरा है कि कम्युनिस्ट से लेकर दलित आंदोलन विचारधारा, तमिल राष्ट्रभक्त से तर्कवादियों और नारीवाद की ओर झुकाव वाले सभी उनका सम्मान करते हैं, उनका हवाला देते हैं और उन्हें मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं. तर्कवादी, नास्तिक और वंचितों के समर्थक होने के कारण उनकी सामाजिक…

“कृषि क्रांति और किसान नेतृत्व लेखक चौ महाराज सिंह भारती “प्रस्तुतकर्ता -: इंजी अलप भाई पटेल

भाग -:9 भूमिगत जल सर्वेक्षण-: आज के वैज्ञानिक युग में आकाश में उड़ते हुये उपग्रह अदृश्य किरणों द्वारा भूमिगत जल भण्डारों का पता लगा लेते हैं। 1981 में, मिश्र सरहद पर, सहारा रेगिस्तान में, उपग्रह द्वारा एक विशाल भूमिगत नदी का पता लगाया गया। मौके पर नलकूप बोरिंग करके एक लाख बाईस हजार हैक्टर भूमि सींचने योग्य पानी मिल गया। इसी प्रकार राजस्थान में भी भूमिगत बहने वाली, गप्त नदी सरस्वती का पूरा पता चल गया है। जो सरस्वती कभी हरे भरे राजस्थान में, हिमालय से चलकर, लून नदी से…

अखंड भारत के निर्माता, महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक को इस लेख से जानें

प्राचीन समय के सबसे प्राचीन वंश मौर्य वंश के तीसरे राज्य अशोक मौर्य विश्वप्रसिद और सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे. सम्राट मौर्य ने 269 से 232 ई.पू तक शासन किया था. मौर्य वंश का यह राजा ही एक ऐसा राजा था जिसने अखंड भारत पर राज किया था. भारत में मौर्य वंश की नींव रखने वाले इस राजा ने भारत के उत्तर में हिन्दुकुश से लेकर गोदावरी नदी तक राज्य का विस्तार किया था इसके साथ ही उनका राज्य बांग्लादेश से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान तक…

अशोक एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध त्याग दिया

मौर्य साम्राज्य की स्थापना सम्राट अशोक के दादा चन्द्रगुप्त मौर्य ने 2300 साल पहले की थी। चाणक्य या कौटिल्य ने चन्द्रगुप्त की सहायता की । इस साम्राज्य में तथा वह चन्द्रगुप्त के मंत्री भी थे चाणक्य ने अर्थशास्त्र की रचना की है। नगरों में व्यपारी ,सरकारी अधिकारी और शिल्पकार रहा करते थे। गांव में किसान पशुपालक थे मध्य भारत के ज्यादातर इलाके जंगलो में संग्राहण और शिकार करके जीविका चलाते थे। मैगास्थनीज एक राजदूत बनकर आया था जो यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था इन की प्रसिद्ध पुस्तक है…

विज्ञान और विकास ही ‘बुद्धत्व’ है: राहिब मैत्रेय

‘द एस्सेंस ऑफ बुद्धिज्म’, प्रो.पी.लक्ष्मी नरसू कृत एक उत्कृष्ट शोध ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को हर उस व्यक्ति को पढ़ना चाहिए जो चेतनावान है अथवा अपनी चेतना को जाग्रत करना चाहता है। इस पुस्तक की लोकप्रियता को देखते हुए अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने अघतन विज्ञान और दर्शन की बुनियाद पर बौद्ध धर्म संबंधी प्रमुख सिद्धान्तों और दार्शनिक तत्वों को एक ही स्थान पर सुलभ करा दिया है। इस ग्रंथ की उपादेयता को स्पष्ट करते हुए वर्ष 1948…

पत्रकारिता केवल एक समाज सेवा है, निष्पक्ष पत्रकार जानिए कैसे कर रहे है,समाजसेवा…

किसी का शासकीय काम अटका पड़ा है तो पत्रकार को फोन पुलिस आपकी नहीं सुन रही हैं तो पत्रकार को फोन ट्रैफिक पुलिस ने वाहन पकड़ लिया तो मित्रों व सगे संबंधियों द्वारा किसी पत्रकार को फोन किसी को इलाज में मदद चाहिए तो पत्रकार को फोन किसी बच्चे को स्कूल में एडमिशन नहीं मिले या स्कूल की व्यवस्था संतोषजनक ना हो तो पत्रकार को फोन 2-4 घंटे बिजली गोल रहे तो पत्रकार को फोन बिजली बिल औसत से ज्यादा आ जाए तो पत्रकार को फोन अस्पताल के बिल में…

हथियार रखने से हमें 1978 में आर्म्स एक्ट बनाकर अंग्रेजों ने रोका और आजादी के बाद 1959 में आर्म्स एक्ट बनाकर अंग्रेजों के दलालों ने :दिनेश कुमार एलएल.एम.

1857 की क्रांति जब भारत में हुई तो उस क्रांति में भारतीयों ने बरछी, भाले,तलवारें ,देसी हथियार , पिस्तौल, बंदूक बहुत बड़े पैमाने पर प्रयोग की थी,अंग्रेजों को लगने लगा कि आने वाले समय में भारतीय लोग उग्र हो सकते हैं और बहुत बड़ी क्रांति हो सकती है।क्रांति की सारी संभावनाओं को खत्म करने के लिए अंग्रेजों ने चालाकी से सन 1878 में आर्म्स एक्ट लागू कर दिया।जिसमें बंदिशें लगाई गई कोई भी भारतीय बिना लाइसेंस के किसी भी प्रकार का हथियार नहीं रख सकेगा यदि वह हथियार रखेगा तो…