फरीदाबाद : पराठों में पैक कर दुबई भेजे सिम, फिर साढ़े 7 करोड़ की ठगी

फाइनैंशल मैनेजर से हुई साढ़े सात करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की साजिश दुबई में रची गई थी। पीड़िता को जिन वट्सऐप अकाउंट से मेसेज किए जा रहे थे, वे सभी दुबई से ऑपरेट हो रहे थे। सभी मोबाइल नंबर भारत के थे, जो इंटरनैशनल रोमिंग में चलाए जा रहे थे। सभी मोबाइल सिम भारत से दुबई भेजे गए थे। केस में पकड़े गए आरोपी रोहित ने पुलिस को बताया कि उसी ने ठगों को सिम मुहैया करवाए थे। वह अब तक ठगों को दो हजार से ज्यादा सिम दुबई भेज चुका है। वह प्लास्टिक में पैक सिम पराठों के बीच रखने के बाद एल्युमिनियम फॉइल में रैप करता था। पराठों के रोल दुबई जाने वाले ठगों के ही किसी साथी के जरिए फ्लाइट से भेज देता था। जालसाज वट्सऐप चलाने के लिए वीपीएन सर्वर का इस्तेमाल कर इंटरनेट के माध्यम से पीड़िता को मेसेज कर रहे थे। इंटरनेट बैंकिंग भी वहीं से की गई थी। साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने बताया कि वीपीएन, यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क इंटरनेट ट्रैफिक से संपर्क किए बिना सर्वर से इंटरनेट कनेक्शन बनाने की सुविधा देता है। वीपीएन कनेक्शन के जरिए यूजर का आईपी एड्रेस छिप जाता है। इससे ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक करना और डेटा चुराना मुश्किल हो जाता है। वीपीएन, डेटा को सुरक्षित रूप से शेयर करने और वेब सर्फ करने में मदद करता है। सूत्रों के अनुसार, साइबर ठग वीपीएन के जरिए ठगी में फोन और सिम में इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे। इसके साथ ही नेटबैंकिंग का इस्तेमाल भी वीपीएन के माध्यम से किया जा रहा था। ऐसे में वीपीएन के जरिए विभिन्न देशों में आईपी को बाउंस कराकर असली आईपी लोकेशन साइबर ठग छिपा लेते हैं। ऐसे में इन आरोपियों को तलाशने में पुलिस को काफी मुश्किल होती है।

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