सुभासपा को फिर अपने पाले में लाने की कोशिश में भाजपा,ओमप्रकाश से मिले दयाशंकर सिंह

भाजपा एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को अपने पाले में लाने की तैयारी में है। अगर भाजपा की रणनीति सफल रही तो दूसरे चरण के चुनाव से पहले सुभासपा से फिर गठबंधन हो सकता है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने राजभर से तीन दौर की बात की है।

भाजपा और सुभासपा ने 2017 में गठबंधन से चुनाव लड़ा था। सुभासपा को 8 सीट मिली थीं जिसमें से उसने 4 सीटें जीती थी। भाजपा ने सरकार बनने पर ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री भी बनाया था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सुभासपा एनडीए से अलग हो गई। पूर्वांचल के कुछ जिलों में सुभासपा का काफी प्रभाव है। भाजपा को भी कुछ सीटों पर सुभासपा की ताकत का अहसास है। लिहाजा एक-एक सीट पर जीत की गहन रणनीति रच रही भाजपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है।

बीते साल ओमप्रकाश ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात भी की थी। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी थी। पार्टी ने अब एक बार फिर राजभर को अपने पाले में लाने की कोशिशें शुरू की हैं। पार्टी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने ओमप्रकाश से बीते दिनों तीन बार मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक ओमप्रकाश ने कुछ शर्तें रखी हैं। उनकी शर्तों पर पार्टी विचार कर रही है। दयाशंकर का कहना है कि उनकी ओमप्रकाश से मुलाकात हुई है, लेकिन गठबंधन पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया है कि योगी सरकार के एक दर्जन मंत्री सुभासपा और सपा से चुनाव लड़ने को आतुर हैं। राजभर ने कहा कि योगी सरकार के मंत्री उनसे रात के अंधेरे में आकर कहते हैं कि चाहे अपनी पार्टी से टिकट दे दीजिए या सपा से दिला दीजिए। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह भी सरोजिनी नगर सीट से टिकट मांगने आए थे। बकौल राजभर, दयाशंकर ने उनसे कहा कि भाजपा उनकी पत्नी को टिकट देगी, इसलिए वे सुभासपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। राजभर ने आरोप लगाया कि भाजपा वाले सपा से उनकी नाराजगी का झूठ फैला रहे हैं। कहा, नागपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठ बोलने की ट्रेनिंग दिलाई जाती है।