झूम की खेती-: जब जनसंख्या बढ़ने पर वनों से आहार जुटाना दुर्लभ हो गया तो आदिवासियों ने चलती फिरती खेती से भी आहार जुटाना आरंभ कर दिया जंगल के पेड़ काटकर लकड़ी का मकान बनाने और जलाने के लिए भंडारित कर ली तथा शेष डालें और पत्तियों को सुखाकर आग लगाकर उच्च कटे हुए वन क्षेत्र को घास पात से मुक्त करके उसमें खेती कर ली 3 या 4 वर्ष में भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर हो गई घास पात अधिक उगने लगे तो उक्त क्षेत्र को छोड़कर फिर कोई…
Category: संपादकीय
कौतूहल का विषय है युवा लेखक अंकित मौर्य का यात्रा वृत्तांत “भटका मुसाफिर”: आदर्श कुमार
साहित्य और रचना में यात्रा की भुमिका एतिहासिक काल से महत्वपूर्ण रही है। समय-समय पर यात्रा के लेख एवं कला ने विश्व प्रसिद्ध साहित्यकारों को पहचान और मुकाम हासिल कराया है। ऐसे ही भारत के सबसे युवा यात्रा वृत्तांत लेखक हैं “अंकित मौर्य “ मूल प्रतापगढ़ सिटी (उत्तर प्रदेश) के निवासी अंकित मौर्य फिलहाल अहमदाबाद में रह रहे हैं एवं प्रतियोगि युवाओं और सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हैं। लेखक और इंजीनियर अंकित मौर्य का यात्रा एवं यायावरी के क्षेत्र में भारी रुझान होने के चलते ,उन्होने समय – समय…
धार्मिकों की धार्मिक भावनाएं आहत क्यो हो जाती है, कहीं इनकी भावनाएं झूठ, षड्यंत्र ,फरेब और अशिक्षा पर तो आधारित नहीं है : अलप
आस्तिकों (धार्मिक व्यक्तियों) की कैसी भावनाएं होती है जब देखो हर एक बात पर भावनाएं आहत हो जाती है। क्या इन धार्मिक व्यक्तियों की भावनाएं इतनी कमजोर होती है जो छोटी से छोटी बात पर आहत हो जाती है या इनका धर्म ही इतना कमजोर होता है जो तार्किक बातों को सहन नहीं कर पाता और इनके धर्म और इन आस्तिकों की भावनाएं आहत हो जाती है। या इनके धर्म की संरचना ही झूठ षड्यंत्र और अशिक्षा पर आधारित होता है जो इनको टूटने और विखंडित होने का डर बना…
बुद्ध पूर्णिमा:शेयर करें बुद्धं शरणं गच्छामि। धम्मं शरणं गच्छामि। जैसे सन्देश
बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाई जाती है।लोग बुद्ध पूर्णिमा पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कई जगह कबुद्ध पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन भगवान बुद्ध के जीवन से लोगों को अवगत कराया जाता है। आप इस दिन शेयर करें भगवान बुद्ध के विचार और उनसे जुड़े ये शुभकामना संदेश: “सूर्य, चंद्रमा और सत्य – किसी भी हालत में ये तीन चीज़ें कभी नहीं छिप सकती।” – गौतम बुद्ध भगवान बुद्ध का संदेश हमें सत्य, शांति और करुणा के मार्ग पर चलने को प्रेरित करता…
भारत की प्राथमिक शिक्षा , चुनौतियां व अपेक्षित सुधार :महेंद्र प्रताप सिंह
प्राथमिक शिक्षा किसी भी देश व उसके नागरिक की मजबूत आधारशिला हेतु ज्ञान की नींव है ।जिसमें ज्ञान , सूचना , कौशल , सामाजिक नैतिकता के प्रारंभिक तत्व शामिल होते हैं । जिन्हें बच्चों के समक्ष प्रदर्शित कर सिखाया जा सकता है।वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी 5 वर्ष की आयु तक बच्चों का दिमाग लगभग पूरी तरह विकसित हो जाता है । अतः प्राथमिक शिक्षा हेतु जब बच्चा विद्यालय में प्रवेश करता है तो कोरी स्लेट की तरह होता है । जिस पर शिक्षक को सबसे अच्छा ज्ञान , नैतिकता ,…
आखिर क्यों नहीं नेता या देश की जनता मनाती सम्राट अशोक जन्म जयंती ?
सम्राट अशोक का नाम भारतीय इतिहास के महान शासकों तथा योद्धाओं में अग्रणी है । ईसा पूर्व सन् 272 ई॰ में अशोक ने मगध का राज्य सँभाला था । इसके पश्चात् अपने 40 वर्षों के शासनकाल में उन्होंने जो ख्याति अर्जित की वह अतुलनीय है । वे एक ऐसे महानतम शासक के रूप में विख्यात हैं जिन्होंने केवल मगध में ही नहीं अपितु भारत के कोने-कोने में सत्य , न्याय प्रज्ञा और अहिंसा का प्रचार-प्रसार किया । अशोक के समय कई देशों में भारत का व्यापार होता था और अफगानिस्तान…
अखंड भारत के निर्माता, महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक को इस लेख से जानें
प्राचीन समय के सबसे प्राचीन वंश मौर्य वंश के तीसरे राज्य अशोक मौर्य विश्वप्रसिद और सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे. सम्राट मौर्य ने 269 से 232 ई.पू तक शासन किया था. मौर्य वंश का यह राजा ही एक ऐसा राजा था जिसने अखंड भारत पर राज किया था. भारत में मौर्य वंश की नींव रखने वाले इस राजा ने भारत के उत्तर में हिन्दुकुश से लेकर गोदावरी नदी तक राज्य का विस्तार किया था इसके साथ ही उनका राज्य बांग्लादेश से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान तक…
अशोक एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध त्याग दिया
मौर्य साम्राज्य की स्थापना सम्राट अशोक के दादा चन्द्रगुप्त मौर्य ने 2300 साल पहले की थी। चाणक्य या कौटिल्य ने चन्द्रगुप्त की सहायता की । इस साम्राज्य में तथा वह चन्द्रगुप्त के मंत्री भी थे चाणक्य ने अर्थशास्त्र की रचना की है। नगरों में व्यपारी ,सरकारी अधिकारी और शिल्पकार रहा करते थे। गांव में किसान पशुपालक थे मध्य भारत के ज्यादातर इलाके जंगलो में संग्राहण और शिकार करके जीविका चलाते थे। मैगास्थनीज एक राजदूत बनकर आया था जो यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था इन की प्रसिद्ध पुस्तक है…
विज्ञान और विकास ही ‘बुद्धत्व’ है: राहिब मैत्रेय
‘द एस्सेंस ऑफ बुद्धिज्म’, प्रो.पी.लक्ष्मी नरसू कृत एक उत्कृष्ट शोध ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को हर उस व्यक्ति को पढ़ना चाहिए जो चेतनावान है अथवा अपनी चेतना को जाग्रत करना चाहता है। इस पुस्तक की लोकप्रियता को देखते हुए अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने अघतन विज्ञान और दर्शन की बुनियाद पर बौद्ध धर्म संबंधी प्रमुख सिद्धान्तों और दार्शनिक तत्वों को एक ही स्थान पर सुलभ करा दिया है। इस ग्रंथ की उपादेयता को स्पष्ट करते हुए वर्ष 1948…
खतरे में बक्सवाहा जंगल इसे बचाना जरूरी
मध्यप्रदेश के बक्सवाहा में एक निजी कंपनी को हीरों की खुदाई करने का अधिकार मिला था । इसके लिए कंपनी को 2.15 लाख जंगली पेड़ों को काटने का अधिकार भी मिल गया था । इस्कॉन लेकर पर्यावरणविदों का कहना है कि इन जंगलों की कटाई से पर्यावरण और स्थानीय आदिवासियों को अपूरणीय क्षति होगी। इससे केवल इस क्षेत्र में ही नहीं, बुंदेलखंड के इलाके में भी जल संकट गहराएगा क्योंकि इस क्षेत्र से होने वाला जल का बहाव ही बुंदेलखंड के क्षेत्रों तक जाता है। क्या है विवाद मध्यप्रदेश के…
कुंठित लोग महान अशोक को कैसे समझेंगे : राहिब मैत्रेय
कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोगों ने इतिहास में सम्राट अशोक की भूमिका को कमतर आंकने की पुन : कोशिश की है। ये वे लोग हैं जो दूसरे के महत्त्व को कम बता कर अपना महिमा मंडन करते हैं। स्वार्थपूर्ण अहंकार से ग्रस्त लोग समाज का व्यापक हित कभी नहीं देखते और सत्य से मुँह फेर लेते हैं। ये दो कौड़ी के बिकने वाले लोग सूरज पर थूकने की कोशिश करते हैं और अपना मुँह झुलसा लेते हैं। ऐसे कुंठा ग्रस्त लोगों को जान लेना चाहिए कि भारत कि विश्व पटल…
सुभासपा को फिर अपने पाले में लाने की कोशिश में भाजपा,ओमप्रकाश से मिले दयाशंकर सिंह
भाजपा एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को अपने पाले में लाने की तैयारी में है। अगर भाजपा की रणनीति सफल रही तो दूसरे चरण के चुनाव से पहले सुभासपा से फिर गठबंधन हो सकता है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने राजभर से तीन दौर की बात की है। भाजपा और सुभासपा ने 2017 में गठबंधन से चुनाव लड़ा था। सुभासपा को 8 सीट मिली थीं जिसमें से उसने 4 सीटें जीती थी। भाजपा ने सरकार बनने पर ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री भी बनाया था।…
यूपी की सियासत में स्वामी प्रसाद मौर्य का असर : समझें आदर्श कुमार शाक्य की रिपोर्ट
देश के सबसे बढ़े सूबे उत्तर प्रदेश में चुनावी समर भूमि सज गई है। कहीं गढ़ बचाने की लड़ाई है, तो कहीं नया गढ़ बनाने की चुनौती। सियासी ताकत और जातीय अस्मिता के सवाल खूब उछाले जा रहे हैं। वादों की बौछार हो रही है, तो मुद्दों की धार पैनी की जा रही है। वोटों के ध्रुवीकरण के लिए जाति और धर्म का रंग गाढ़ा किया जा रहा है। चाय-पान की दुकानों से लेकर चौराहों की अड़ियों तक जीत-हार के दावे किए जा रहे हैं। कहीं नाम और काम हावी…
जल ही जीवन है ,जल है तो कल है: जय प्रकाश श्रीवास्तव
विश्व जल दिवस के अवसर पर निस्पक्छ मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश श्रीवास्तव ने समस्त देशवासियों और संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों को अनंत कोटि शुभकामनाएं दीं और कहा की आज विश्व जल दिवस के रूप में हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए. हमारे पूर्वजों ने इतने अच्छे-अच्छे बाग बगीचे तैयार करके दिए थे. आज हम अपने बच्चों को पेड़ काटकर खेत बनाकर अधिक से अधिक हाइब्रिड की उपज से जल्द से जल्द अमीर बनना चाहते हैं .यह भूल जाते हैं हाइब्रिड और दवाओं के प्रयोग से…
चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य से लेकर झांसी की रानी तक थे लिट्टी-चोखा के दीवाने
झारखंड व बिहार की विश्व प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा है। इसके कायल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिल्म स्टार आमिर खान भी हैं, जो लिट्टी चोखा का स्वाद चखने से खुद को रेाक नहीं पाए। आज हम आपको बताते हैं, लिट्टी चोखे का इतिहास। लिट्टी एक आटे का गोला होता है, जिसके अंदर सत्तू का मसाला भी भरा जाता है। इसके बाद इसे जलते हुए अलाव में सेंका जाता है। अगर चोखे की बात करें तो चोखा आग पर सेंके गए आलू, बैगन, टमाटर से बनाया जाता है। लिट्टी चोखा सबसे आसानी…
कविता “ओझल” : दीपा साहु
मंजर ऐसा देखना भी अभी बाकी था,इतनी सुंदर धरती पर,लाशों को फेंकना अभी बाकी था।तूफान,ज़लज़ला,बाढ़ की ,नेमत क्या कम थी,जो कोरोना का आना अभी बाकी था।महामारी का प्रहार कैसा ये विकराल,अवस्था बदलना बार बारअभीबाकी था।नए रूप में नए ढंग से उम्मीद तोड़ता,फिर से आ जाना इसका बाकी था। काम बंद पगार बंद,हो रहा हाहाकार जन,इस पर बढ़ना महंगाई काअभी बाकी थाकिसान रो रहा धरती रो रही, निर्ममता,इस पर इंसानियत का भी,ओझल होना बाकी था।व्यापार कोरोना के नाम पर चल रहा,दवाइयों का धांधल अभी बाकी था।भूख से तड़प रहे, वन वन…
वर्तमान भारतीय राजनीति और लोकतंत्र :राम सिंह
लोकतंत्र जनता की, जनता द्वारा और जनता के लिए सरकार है किन्तु वर्तमान में भारत में सरकार जनता द्वारा तो बनती है किन्तु जनता की नहीं। यह सरकार जनता की नहीं होती है, अतः जनता के लिए भी नहीं होती है। यह सरकार जनता द्वारा बनती है क्योंकि जनता चुनाव में मतदान करती है जिससे सरकार बनती है। यह सरकार जनता की नहीं होती है क्योंकि जो चुने जाते हैं वह सामान्य जनता से न होकर सामंतवादी होते हैं। वर्तमान भारतीय राजनीति ही ऐसी हो गई है जिसमें सामान्य जनता…
पत्रकारिता केवल एक समाज सेवा है, निष्पक्ष पत्रकार जानिए कैसे कर रहे है,समाजसेवा…
किसी का शासकीय काम अटका पड़ा है तो पत्रकार को फोन पुलिस आपकी नहीं सुन रही हैं तो पत्रकार को फोन ट्रैफिक पुलिस ने वाहन पकड़ लिया तो मित्रों व सगे संबंधियों द्वारा किसी पत्रकार को फोन किसी को इलाज में मदद चाहिए तो पत्रकार को फोन किसी बच्चे को स्कूल में एडमिशन नहीं मिले या स्कूल की व्यवस्था संतोषजनक ना हो तो पत्रकार को फोन 2-4 घंटे बिजली गोल रहे तो पत्रकार को फोन बिजली बिल औसत से ज्यादा आ जाए तो पत्रकार को फोन अस्पताल के बिल में…
दुनिया का पहला विश्विद्यालय भारत में खुला था , जानें जानकारी
शिक्षा के मामले में आज भले ही भारत दुनिया के कई देशों से पीछे हो, लेकिन एक समय था, जब हिंदुस्तान शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। भारत में ही दुनिया का पहला विश्वविद्यालय खुला था, जिसे नालंदा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के दौरान पांचवीं सदी में हुई थी, लेकिन सन् 1193 में आक्रमण के बाद इसे नेस्तनाबूत कर दिया गया था। बिहार के नालंदा में स्थित इस विश्वविद्यालय में आठवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच दुनिया के कई…
पत्रकार जो 20 बार गिरफ्तार होने के बाद बना अपने देश का राष्ट्रपति
54 वर्षीय मोहम्मद नशीद काफी पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने मालदीव के ही स्कूल से की, लेकिन उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह श्रीलंका के कोलंबो चले गए। फिर वहां से इंग्लैंड, फिर लीवरपुल, जहां उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद 1990 में वो मालदीव लौट आए और एक नई पत्रिका ‘सांगू’ के सहायक संपादक बने, जो तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम की सरकार की आलोचना किया करता था। कुछ ही समय के बाद ‘सांगू’ को प्रतिबंधित कर दिया गया और मोहम्मद नशीद को हाउस अरेस्ट…