केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को कहा कि वह केवल अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के ‘स्ट्राइक रेट’ को बेहतर बनाने के लिए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं है।
‘स्ट्राइक रेट’ से आशय कुल सीट जिस पर पार्टी ने चुनाव लड़ा है उसके सापेक्ष जीती गई सीट की संख्या के प्रतिशत से है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का ‘स्ट्राइक रेट’ बेहतर होने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मदद मिलेगी।पत्रकारों से बात करते हुए हाजीपुर के सांसद ने इस बात से भी दृढ़ता से इनकार किया कि उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। चिराग ने गठबंधन के भीतर गलतफहमी पैदा करने के प्रयासों पर अफसोस जताया।
चिराग ने कहा, ‘‘मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, यह फैसला मेरी पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। अगर मैं लड़ता भी हूं, तो यह कोई असाधारण बात नहीं होगी। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अक्सर अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को राज्य के चुनाव लड़ने के लिए उतारा है।’’ बिहार विधानसभा का चुनाव इस साल के अंत में होने वाला है।
चिराग (42) ने कहा, ‘‘मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि अगर मैं विधानसभा चुनाव लड़ता हूं, तो यह केवल मेरी पार्टी के लिए बेहतर ‘स्ट्राइक रेट’ सुनिश्चित करने के लिए होगा, जिससे राजग को मदद मिलेगी। मुझे यह देखकर दुख होता है कि गठबंधन के भीतर यह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि मेरी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।’’
लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने 2020 के विधानसभा चुनाव में विद्रोह कर दिया था जिसके कारण जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) की सीट संख्या कम हो गई थी। फिलहाल चिराग ने कहा है कि वह भविष्यवाणी करते हैं कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग बिहार में अब तक की अपनी सबसे मजबूत सरकार बनाएगा। केंद्रीय मंत्री ने खुलासा किया कि रविवार को उनकी पार्टी भोजपुर जिला के मुख्यालय आरा में एक रैली के साथ चुनावी बिगुल फूंकेगी।
चिराग की पार्टी उन्हें अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि चिराग भोजपुर और आसपास के जिलों से बने शाहाबाद क्षेत्र की एक विधानसभा सीट चुन सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्ते नहीं खोले और कहा, ‘‘चुनाव से पहले मेरी पार्टी ने ऐसी और रैलियां करने की योजना बनाई है। प्रत्येक जनसभा में पांच से छह जिले शामिल होंगे।’’