मैनपुरी में हौसला बुलंद चोरों ने पांच दिन के भीतर एक ही घर में दूसरी बार चोरी की वारदात अंजाम दिया

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हौसला बुलंद चोरों ने पांच दिन के भीतर एक ही घर में दूसरी बार चोरी की वारदात अंजाम दिया। घर से नकदी व जेवर न मिलने पर एक परात और दीवार घड़ी चुरा ले गए। पहली बार चोरी होने पर भी पुलिस को शिकायत की गई थी। चोरों के न पकड़े जाने से पीड़ित व ग्रामीणों में आक्रोश है।

घटना बिछवां थाना क्षेत्र के सहारा गांव की है। गांव निवासी उपकार सिंह चौहान दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी करते हैं। गांव स्थित घर में मां दो पुत्रियां व एक पुत्र रहता है। पांच दिन पहले ही चोरों ने उनके गांव स्थित मकान के ताले तोड़कर नकदी जेवर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इसकी शिकायत थाने में भी दी गई थी।

शुक्रवार की रात एक बार फिर चोरों ने उपकार के घर पर धावा बोला। बक्सा आदि में रखा सामान इधर उधर फेंक दिया। चोरों को जब कुछ नहीं मिला तो एक पीतल की परात और दीवार घड़ी ही चोरी कर ले गए। पांच दिन में एक ही घर में दो बार चोरी की वारदात जहां चोरों के बढ़ते हौंसले का बयां कर रही है। वहीं स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता भी साबित कर रही है।

सहारा गांव में चोरी की दूसरी वारदात के बाद पीड़ित परिजन व ग्रामीणों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर आक्रोश व्याप्त है। थानाध्यक्ष कपिल वशिष्ठ ने बताया कि रात 10 बजे सूचना मिली थी कि घर के पास चोर खड़े हैं। पुलिस वहां गई तो कोई नहीं मिला। दो बजे तक पुलिस गांव में रही। शनिवार की सुबह सूचना मिली कि चोरी हो गई है। छानबीन की जा रही है।

REPORT: YOGESH KUMAR

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ