आउटफील्ड ढकने के लिये शामियाने का इस्तेमाल, गीली आउटफील्ड सुखाने के लिये इलेक्ट्रिक पंखे, डीडीसीए से ग्राउंड कवर उधार और यूपीसीए से उधार पर सुपर सोपर लेने के बावजूद ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट में दूसरे दिन का खेल नहीं होने से काफी किरकिरी हुई है. शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में लगातार दूसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए यह शर्मिंदगी वाली बात है.
दोनों टीमों के बीच पहली बार हो रहा टेस्ट सोमवार (9 सितंबर) से शुरू होना था. सोमवार को शाम को एक घंटे बूंदाबांदी को छोड़कर बारिश नहीं हुई. लेकिन मैदान गीला था. मंगलवार को खेल की शुरूआत पर असर पड़ा. खेल सुबह आधा घंटा पहले शुरू होना था. आसमान साफ था लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मैदान को खेलने लायक नहीं बनाया जा सका.
मैदानकर्मी अभ्यास परिसर से सूखी घास लाकर मिड आन और मिडविकेट क्षेत्र में लगाने की कोशिश कर रहे थे. आफ साइड में तीन टेबल फैन भी लगाये गए ताकि उसे सुखाया जा सके. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद थे जिनकी देखरेख में काम हो रहा था. अंपायरों ने तीन बार मुआयने के बाद दूसरे दिन का भी खेल रद्द कर दिया. सूत्रों की माने तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) से दो सुपर सोपर मांगे थे जो मेरठ स्टेडियम से भेजे गए.
बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कुशल मैदानकर्मी भी नहीं थे जिसकी वजह से मजदूरों को काम पर लगाया गया. एसीबी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैनेजर मिन्हाज राज ने कहा ,‘‘ यह हमेशा से अफगानिस्तान का घरेलू मैदान रहा है. हम 2016 से यहां खेल रहे हैं. बारिश के कारण यह सब हुआ. हमने यहां स्थानीय टीम के खिलाफ तीन दिवसीय मैच भी खेला है जिसमें कोई मसला नहीं आया था. ’’