फर्रुखाबाद,(द दस्तक 24 न्यूज़) 09 अगस्त 2024 फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी की रोकथाम करके ही इससे बचा जा सकता है। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार से जनपद में फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का अभियान शुरू हो रहा है। दो सितंबर तक चलने वाले इस अभियान में जनपद के 20 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। सभी लोग दवा जरूर खाएं और अपने घर-परिवार के लोगों को भी खिलाएं। सिर्फ गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिला व दो साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं खानी है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार का। वह शुक्रवार को शहर के एक निजी होटल में आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित इस मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार), पीसीआई व पाथ ने महत्वपूर्ण सहयोग किया।
सीएमओ ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन अभियान के लिए समस्त तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शनिवार को जिलाधिकारी अभियान की शुरूवात करेंगे। इससे पहले सीएमओ दफ्तर से कलेक्ट्रेट तक जागरूकता रैली निकाली जाएगी।
उन्होंने बताया कि आशा घर-घर लोगों को दवा खिलाने जाएंगी। एक आशा को प्रतिदिन 25 घरों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान के तहत 20 लाख 54 हजार 658 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा (एल्बेण्डाजाल व डीईसी) खिलाई जाएगी। इसके लिए 1828 टीमें तैयार की गईं हैं। एक टीम में दो सदस्य (आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मी) रहेंगे। नगर सहित सभी ब्लॉकों में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरसी माथुर ने बताया कि फाइलेरिया (फीलपाँव या हाथीपाँव) वाहक मच्छर क्यूलेक्स के काटने के बाद इसके लक्षण पांच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए एक साल से ऊपर के सभी बच्चों, किशोर-किशोरियों, वयस्कों, वृद्धजनों को फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खानी चाहिए। यह दवा स्वास्थ्यकर्मी और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर अपने समक्ष खिलाएँगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है। इस दवा के पाँच साल लगातार और साल में एक बार सेवन करने से हम अपना जीवन सुरक्षित बना सकते हैं। सीएमओ ने समस्त मीडिया बंधुओं के माध्यम से जनमानस से अपील की कि फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूर करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
जिला मलेरिया अधिकारी नौशाद अली ने बताया कि दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः यह लक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई हैं। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।
कार्यशाला में मीडिया बंधुओं के साथ सवाल-जवाब सत्र भी चलाया गया। कार्यशाला में मलेरिया इंस्पेक्टर नरजीत कटियार, पीसीआई से शादाब आलम व अनुपम मिश्रा, पाथ से अरुण कुमार समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे l