राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के रविवार को दिए बयान ने एक बार फिर विपक्षियों को हमला बोलने का मौका दे दिया है। उन्होंने रविवार को कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। उन्होंने लिंचिंग को लेकर कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है। इस बयान को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख पर निशाना साधा।
असदुद्दीन ओवैसी कहा कि कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का ही हिस्सा है। जबकि दिग्विजय सिंह ने पूछा कि क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह और भाजपा के मुख्यमंत्री को भी देंगे?
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर मोहन भागवत पर हमला बोला। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, ”आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।”
ओवैसी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि यह कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी भागवत के बयान पर पलटवार किया। दिग्विजय सिंह ने पूछा, ”मोहन भागवत यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?”