ऑक्टोपस की ये नई प्रजातियां, जानिए क्यों हैं अलग

हाल ही में ​हुए शोध के बाद वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के आसपास पानी में ऑक्टोपस की चार नई प्रजातियों की खोज की है। जिनमें से ऑक्टोपस की दो जहरीली प्रजातियां भी शामिल है। इन नई प्रजातियोें में से एक प्रजाति को समुद्री के गहरी पानी की प्रजाति माना जा रहा है। क्योंकि इसकी त्वचा काफी खुरदरी थी। इसके बाद हाल ही में वैज्ञानिकों ने ब्रायन फ्राई के नेतृत्व में शोध में यह जानने की उम्मीद करते हैं कि जहर कैसे काम करता है। जहां पर उन्होंने पाया कि यह सामान्य अवस्था में ऑक्टोपस जहरीले होते हुए भी इनके जहर का प्रभाव ज्यादा नहीं होता है क्योंकि ऑक्टोपस अंटार्कटिका के आसपास पानी में रहते हैं, वहां बहुत ठंड है। आम तौर पर जहर इन तापमानों पर सक्रिय नहीं होगा, लेकिन इन ऑक्टोपस में एक एंजाइम होता है जो जहर को काम करता रहता है। इसी जांच के दौरान शोधकर्ताओं को ऑक्टोपस के जहर की दो अज्ञात प्रजातियों के बारे में भी पता चला।

जिनकी जांच में पाया गया कि इनके जहर में बहुत छोटे प्रोटीन होते हैं जो कि कई आकर्षक कार्य करते है, जो दवाओं के विकास के लिए उपयोगी हो सकता हैं। इसके बाद फ्राई ने केवल छह हफ्तों में 203 ऑक्टोपस एकत्र किए हैं और विशेष रूप से उनके जहर का अध्ययन किया है। अध्ययन के दौरान फ्राई ने कहा कि ये वो ज़हर प्रजातियाँ हैं जिनकी कभी जाँच नहीं की गई। इनमें मिनट अंतर होता हैं जो इन पदार्थों को कम करते हैं और हम अभी भी नहीं जानते हैं कि वे अंतर क्या हैं। यही कारण है कि हम इस ऑक्टोपस के जहर को अन्य प्रजातियों जैसे कि ट्रॉपिकल ब्लू रिंगेड ऑक्टोपस के बगल में रखते हैं।

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