पेशाब में खून आने के हो सकते हैं ये 5 कारण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

पेशाब में खून आना पुरुषों में कई आम समस्याओं का एक लक्षण है। पेशाब में खून आने को डॉक्टर हेमाट्यूरिया की स्थिति करार देते हैं। यह स्थिति अचानक ही आपके सामने उत्पन्न होती है। दरअसल जब आप सुबह सोकर उठते हैं और अचानक वॉशरूम में जाते हैं तो देखते हैं कि आपके पेशाब का रंग लाल हो गया है, जिसे देखकर मन में भय होना स्वभाविक है। इस स्थिति के कारणों का पता लगा पाना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि हम खुद इसके कारणों को नहीं पहचान पाते हैं। हम आपको इस स्थिति से जुड़े पांच कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके जरिए आप इस स्थिति से बच सकते हैं।

पेशाब के रास्ते में होने वाला संक्रमण (यूटीआई)

इस स्थिति को यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन यानी की यूटीआई भी कहते हैं। यूटीआई पेशाब में खून आने का एक आम कारण है। हालांकि यह महिलाओं में अधिक होता है लेकिन पुरुष भी स्थिति का शिकार होते हैं। पुरुषों में यूटीआई के जोखिम कारकों में प्रोस्टेट समस्याएं और हालिया कैथीटेराइजेशन शामिल है। यूटीआई तब होता है जब बैक्टीरिया  मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाता है। यह वह ट्यूब है, जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालती है। अगर यूटीआई किडनी को प्रभावित करता है तो इससे कमर और पीठ में दर्द होता है।

गुर्दे (किडनी) और मूत्राशय की पथरी

अगर खून में तरलता बहुत कम और अपशिष्ट बहुत ज्यादा हो तो अपशिष्ट पेशाब में कैमिकल के साथ बंध सकता है, जिससे गुर्दे या मूत्राशय में पथरी हो सकती है। अक्सर, पथरी पेशाब के रास्ते गुजरने में काफी छोटी होती है। बड़ी पथरी गुर्दे या मूत्राशय में रह जाती है, जो मूत्रमार्ग में कहीं भी अटक सकती है। बड़ी पथरी के आमतौर पर दिखाई देने वाले लक्षण होते हैं।

  • खून में पेशाब आना
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
  • पेट में बार-बार दर्द होना
  • उल्टी आना
  • पेशाब से जोरदार बदबू आना

प्रोस्टेट का बढ़ जाना

प्रोस्टेट एक ग्रंथि है, जो कि पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा होती है और वीर्य के उत्पादन में मदद करती है। यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने होती है। प्रोस्टेट बढ़ जाने से मूत्रमार्ग पर दबाव बनता है, जिससे पेशाब करने में दिक्कत होती है। पेशाब करने में ज्यादा दम लगाने से नुकसान पहुंचता, जिससे रक्तस्राव हो सकता है। इस स्थिति से 51 से 60 साल की उम्र के 50 फीसदी पुरुष परेशान होते हैं।

किडनी की चोट

ग्लोमेरुली, गुर्दे के भीतर की छोटी संरचनाएं हैं, जो रक्त को छानने और साफ करने में मदद करती हैं। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (जीएन) उन रोगों के समूह के लिए एक शब्द है, जो इन संरचनाओं को नुकसान पहुंचाती है। जीएन से पीड़ित लोगों में घायल गुर्दे शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को नहीं निकाल पाते। बिना उपचार के जीएन किडनी फेलियर का कारण बन सकता है। युवाओं में लंबे समय तक जीएन रहने से सुनने और देखने की शक्ति प्रभावित होती है और वह दोनों शक्तियां खो भी सकते हैं।

दवाएं भी पेशाब में खून का एक कारण

  • खून के पतला करने वाली दवाइयांः ये दवाएं रक्त के थक्कों को रोकने में मदद करती हैं लेकिन वारफारिन और एस्पिरिन जैसी कुछ प्रकार की दवाएं पेशाब में खून का कारण बन सकती हैं।
  • नॉन स्टेरिओडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयांः अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इन दवाओं का उपयोग करता है, तो इन दवाओं से गुर्दे को नुकसान पहुंचता है और पेशाब की जांच में खून दिखाई दे सकता है। हालांकि इसके पेशाब में दिखाई देने वाले रक्त का कारण बनने की संभावना कम ही होती है।
  • सेन्नाः इस  लैक्सेटिव का लंबे अरसे तक उपयोग हेमाट्यूरिया का कारण बन सकता है।
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