अखिलेश ने मुंबई में जैन मंदिर ढहाए जाने की निंदा की! भाजपा पर लगाया ये आरोप

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को मुंबई में हाल ही में एक जैन मंदिर को ढहाए जाने पर चिंता व्यक्त की और भाजपा सरकारों पर पूरे भारत में शांतिपूर्ण जैन समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया। वह मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनमें कहा गया कि मुंबई में एक जैन मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया है।

यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जैन समुदाय को सीधे संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय के बीच भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है वो अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।’’ घटनाओं की एक श्रृंखला पर प्रकाश डालते हुए यादव ने दावा किया कि ये समुदाय के प्रति बढ़ती आक्रामकता का हिस्सा हैं।

उन्होंने मध्यप्रदेश के सिंगोली में जैन साधुओं पर हुए हिंसक हमले, जबलपुर से लीक हुए एक ऑडियो क्लिप जिसमें कथित तौर पर भाजपा सदस्यों द्वारा जैनियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है और मुंबई में एक जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण का जिक्र किया जहां कथित तौर पर जैन तीर्थकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर किया।
सपा अध्यक्ष ने सवाल उठाया, ‘‘आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकारें हैं वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक-व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।’’ अतीत की घटनाओं को याद दिलाते हुए उन्होंने गुजरात में श्री गिरनार जी को लेकर हुए विवाद, श्री सम्मेद शिखर जी में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप तथा उत्तर प्रदेश के बागपत में जैन प्रतिमा की स्थापना के विरोध का भी जिक्र किया।

उन्होंने मध्यप्रदेश के नीमच में 2022 में 65 वर्षीय भवरलाल जैन की हत्या का भी जिक्र किया। कथित तौर पर एक प्रभुत्वशाली भाजपा समर्थक ने उनकी हत्या कर दी थी। यादव ने कहा, ‘‘ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं। ये तो वो घटनाएं हैं जो उजागर हो गयीं नहीं तो न जाने ऐसे कितने प्रकरण हैं, जहां जैन समाज को प्रताड़ित करने का काम वर्चस्ववादी ताकतें हमेशा करती रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि उसकी निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ चंदा देने तक सीमित है। हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दोबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वो वापस आएगा?’’

अहिंसा, सह-अस्तित्व और करुणा के जैन दर्शन की प्रशंसा करते हुए यादव ने कहा, ‘‘जैन धर्म लंबे समय से सहनशीलता और नैतिकता के आदर्श के तौर पर खड़ा है, जिसने भारत की संस्कृति, अर्थव्यवस्था और शिक्षा में बहुत बड़ा योगदान दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गयी ऐसी हतोत्साहित करने वाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमजोर नहीं कर पाएंगी क्योंकि वो अल्पसंख्यक के रूप में उस 90 प्रतिशत जनसंख्या का हिस्सा हैं, ‘पीडीए’ (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) के समेकित रूप में, जिनकी रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।’’

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