G7 की बैठक में हिस्सा लेने से पहले शनिवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की। दोनों नेता के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। इसमें भारत-जापान के रिश्ते को लेकर बातचीत हुई। मोदी ने कहा कि जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ बेहतरीन बातचीत हुई। हमने भारत-जापान के रिश्तों को और बेहतर बनाने पर जोर दिया।
इससे पहले हिरोशिमा में PM मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा PM मोदी आज यूक्रेन जंग के 15 महीने बीतने के बाद पहली बार वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी। अब तक रूस-यूक्रेन जंग पर भारत का स्टैंड न्यूट्रल यानी निष्पक्ष रहा है। हालांकि, मोदी ने वैश्विक संगठनों के अलग-अलग मंच से कहा है कि जंग किसी भी समस्या का समाधान नहीं है
मोदी ने कहा, ‘आज भी दुनिया ‘हिरोशिमा’ शब्द सुनते ही सहम जाती है। मुझे जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी जापान यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला।’
‘आज दुनिया जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद से जूझ रही है। बापू के आदर्श जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी जीवन शैली प्रकृति के प्रति सम्मान, समन्वय और समर्पन का उत्तम उदाहरण रही है।’
‘ हिरोशिमा में महात्मा गांधी की मूर्ति अहिंसा के विचार को आगे बढ़ाएगी। मैंने जापानी पीएम को जो बोधि वृक्ष उपहार में दिया था, वह यहां हिरोशिमा में लगाया गया है ताकि लोग यहां आने पर शांति के महत्व को समझ सकें।’
वहीं, इंडो-पैसिफिक में चीन को काउंटर करने के लिए बनाए गए QUAD देशों की बैठक भी हिरोशिमा शहर में होगी। अमेरिका में चल रही कर्ज की समस्या के चलते दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में होने वाली बैठक को रद्द कर दिया गया था। भारत के अलावा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इस समूह के सदस्य हैं।
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया है कि QUAD की बैठक हिरोशिमा में ही करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन ने जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है। दरअसल, अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने इस महीने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी सरकार की कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया नहीं गया तो देश 1 जून तक दिवालिया हो सकता है। ऐसे में बाइडेन को क्वाड की बैठक रद्द करनी पड़ी थी।
वहीं, आज क्वाड के लीडर बैठक के दौरान एक साल में किए कामों की समीक्षा करेंगे।इसके अलावा सबमरीन केबल और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे मुद्दों पर भी बात होगी
G7 की बैठक के पहले ही दिन सदस्य पश्चिमी देशों और जापान ने यूक्रेन जंग हवाला देते हुए रूस पर पाबंदियों की घोषणा की। G7 के नेताओं ने रूस से मांग की है कि वो तुरंत यूक्रेन से अपनी सेना को बाहर निकाले। G7 दुनिया के सात देशों से बना संगठन है जो जंग में यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, कनाडा, जापान और फ्रांस शामिल हैं।
चीन के संबंध में भी जी-7 समूह के देशाें में चिंता है लेकिन इस पर कार्रवाई काे लेकर मतभेद हैं। कारण सभी सदस्य देशाें के हित चीन के साथ मजबूत संबंधाें से जुड़े हुए हैं। क्लाइमेट जैसे मुद्दाें पर चीन का सहयाेग भी जरूरी है। ऐसे में असमंजस है कि उसके साथ क्या रणनीति हाे। चीन की दूसरे देशाें के हिताें के खिलाफ नीतियाें के बदले में वे एक संयुक्त रणनीति तय करना चाहते हैं। वहीं, चीन ने जापान के हिरोशिमा में चल रही G7 की बैठक को दोहरे रवैये वाली कहा है।
चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता वांग वैनबिन से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हिरोशिमा पीस मेमोरियल पर श्रद्धांजलि दी है। इस पर आप क्या कहेंगे। सवाल का जवाब देते हुए वांग वैनबिन ने कहा- जापान हमेशा खुद को उन देशों में गिनाता है जो परमाणु हथियारों के खिलाफ हैं। जबकि खुद उसने अमेरिका की परमाणु शक्ति में पनाह ली हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि जापान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और दूसरे मुद्दों पर अपने दोहरे रवैये को बदलेगा।