गोवा कांग्रेस में शुरू हुआ संकट थमा नहीं है। इसी बीच पार्टी के प्रदेश प्रभारी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है और इसे ‘फ्लॉप ऑपरेशन कमल’ बताया है। साथ ही उन्होंने पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिगंबर कामत पर भी बड़े आरोप लगाए। रविवार को पार्टी के बड़े नेता संपर्क से बाहर हो गए थे। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी थी कि वे दल बदल सकते हैं।
राव ने कहा, ‘हमें पता है कि हमारे वफादार लोग कौन हैं और दल बदलू कौन हैं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक और कोशिश की लेकिन बुरी तरह असफल हो गई। उन्होंने कहा, ‘दबाव के बावजूद हमारे युवा और पहली बार के विधायक साथ हैं। यह साजिश एक महीने से चल रही थी, लेकिन हमारे विधायक अपने आप ही जमे रहे।’
उन्होंने आरोप लगाए कि विधायकों को खदान, कोयला और उद्योगों समेत कई जगहों से दबाव डाला गया। रिपोर्ट के अनुसार, राव ने पुष्टि की है कि कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि चार नेता पार्टी के साथ नहीं हैं। इनमें माइकल लोबो, दिगंबर कामत, केदार नाईक और डेलिलाया लोबो का नाम शामिल है। उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि कैसे भाजपा धनबल और मंत्रियों को लुभाने के लिए कैसे नीचे गिर गई।’
राव का कहना है कि भाजपा, कांग्रेस का अंत होने तक नहीं रुकेगी, लेकिन हम भी आखिर तक लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘उनका एक एजेंडा कांग्रेस को खत्म करना है। वे ऐसा आप या दूसरे विपक्षी दल के साथ नहीं करेंगे। उनकी लड़ाई कांग्रेस के साथ है। वे इसके लिए विपक्ष मुक्त देश या गोवा सुनिश्चित कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस अभी भी वफादार कैडर के साथ मजबूत पार्टी है। भारत में एक मजबूत विपक्षी दल बनाने में 20 साल और लगेंगे और इसलिए भाजपा विपक्ष को खत्म करने के लिए मौका तलाश रही है।’उन्होंने कहा, ‘भाजपा का ऑपरेशन कमल असफल हुआ है। उन्होंने कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए।’ कांग्रेस नेता ने समझाया कि महाराष्ट्र की तरह भाजपा ने पार्टी को दो-तिहाई में बांटने और संख्या को 25 से 33 पर ले जाने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद भाजपा 40 में से 33 हो जाती है और वे विपक्ष मुक्त हो जाते।’ उन्होंने ये आरोप भी लगाए कि कांग्रेस विधायकों से संपर्क साधने वाले भाजपा नेताओं ने न केवल पैसों की बात की बल्कि ईडी और आयकर की रेड से भी डराया।