बरेली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत सरकार के कर्मी संदीप यादव द्वारा स्वलिखित काल्पनिक कहानी स्माइल उपन्यास का विमोचन आज रोटरी भवन में किया गया। स्माइल कहानी है , एक ऐसे क्षेत्र की जिसे समाज का एक बड़ा भाग अलग नजरिये से देखता है या यूँ कहें कि जिसके प्रति समाज की मनोदशा भद्दी और नकारात्मक है। संदीप बताते हैं कि यह कहानी एयर हॉस्टेस की पर्सनल व प्रोफेशनल जिंदगी को एक साथ दिखाती है यह कहानी आपको समझाएगी कि कैसे प्लेन की गैलरी में आपकी जिम्मेदारी लिए एक लड़की मधुर मुस्कान के साथ खड़ी रहती है, जो आपके खाने पीने और मानसिक व्यवहार का भी ख्याल रखती हैं।
राजकीय कॉलेज के प्रधानाचार्य अवनीश यादव कहते हैं कि संदीप जानते हैं कि यदि कलम हाथ मे हो तो क्या होता है। वह उसको उसकी पूरी गरिमा के साथ समाज को दिशा देने और सच के योगदान के लिए उठाते हैं और जब बन्दूक उठाते हैं तो भी उसकी उसी गरिमा के साथ। संदीप जी वर्तमान परिदृश्य को सबके सामने लाने का हुनर रखते हैं, जो व्यक्ति अपने चेहरे पर स्माइल रखता है वो ही इस तरह की कहानी लिख सकता है।
आयरन मैन के रूप में सुविख्यात एस एलिंगो ने कहा कि अनसुनी प्रेम कहानी के साथ साथ पारिवारिक रिश्तों में उलझती सुलझती एयर होस्टेस के जीवन की यह कहानी आपके सामने एक तस्वीर प्रस्तुत करेगी जिससे शायद समाज की मनोदशा में कुछ फ़र्क आए। यह कहानी कोई साधारण कहानी नहीं है, यह हकीकत है एक बेटी की जिसने समाज की इस मनोदशा पर जोरदार प्रहार कर समाज को सोचने पर मजबूर किया है, कि एक एयर होस्टेस, जो समाज सोचता है उससे बिल्कुल अलग होती है।
साहित्यकार रंजन विशद कहते हैं कि संदीप की पांच किताबें अब तक आ चुकीं हैं इस पुस्तक का प्रकाशन प्रभात पब्लिकेशन दिल्ली द्वारा किया गया है, समाज की विषमताओं का संदीप के उपन्यासों में हमेशा ही समावेश रहता है और मैंनें इनकी सभी पुस्तकों के लेखन से वितरण तक कि यात्रा देखी हैं।
डॉ प्रदीप ‘जागर’ ने कहा कि इस कहानी में 6 ऐसे बड़े बिन्दुओं को शामिल किया गया है। जो इनकी जिंदगी को समाज की नायिका के रूप में घोषित करते हैं। यह कहानी प्रेम सिखाती है, भावनाओं के साथ रिश्तों के महत्व सिखाती है, समाज की हकीकत और एक एयर होस्टेस के बलिदान को बिंदु बिंदु समझाती है।
गिन्दोदेवी महाविद्यालय की प्राचार्या वंदना शर्मा कहती हैं कि बरेली की बेटी शुभी सक्सेना के जीवन पर आधारित ये उपन्यास आपको बताएगा कि हवाईजहाज की गैलेरी में खड़ी लड़की के चेहरे पर खिली मुस्कान के पीछे क्या और कितना कुछ छुपा है। यह कहानी आपको समझाएगी कि नारी के बलिदान की कोई सीमा नहीं होती, नारी का धैर्य सब कुछ छिन जाने के बाद भी कितना विशाल होता है। नारी सशक्तिकरण का मैडल लिए कोई लड़की अपने जीवन से कितना कुछ देती है इस समाज को…।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एस. एलगो जी ( से.नि. उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ ) द्वारा की गयी।
कुशल संचालन डॉ. राहुल अवस्थी व शिल्पी सक्सेना द्वारा किया गया।
मंचासीन विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. वन्दना शर्मा ( प्राचार्य जीएमडी बदायूं ), डॉ. अवनीश यादव ( प्रिंसिपल राजकीय इंटर कॉलेज ), डॉ. प्रदीप ‘जागर’ ( लॉ डिपार्टमेंट बरेली कॉलेज बरेली ), डॉ. रंजन विशद ( कवि ), संजीब जिंदल ( समाजसेवी ) रहे।
अन्य अतिथियों में राजनारायण गुप्ता, अमित कंचन, नंदू सिंह तोमर, अनिल मुनि, चित्रांश सक्सेना, राजवीर सिंह, आशुतोष वाजपेयी, विजय सिंह, प्रमिला सक्सेना, सोनी सिंह, रश्मि यादव, रेखा यादव, अशोक शर्मा, कौशिक टंडन, सचिन पाठक, मोहित मासूम, अन्नू रस्तोगी आदि मौजूद रहे।