भारतीय जनता पार्टी ने इस साल मार्च में असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल में हुए विधानसभा चुनावों में प्रचार पर 252 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस राशि में अकेले करीब 151 करोड़ रुपए उसने सिर्फ पश्चिम बंगाल में खर्च किए हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस की ओर से सौंपे गए खर्च के ब्योरे के मुताबिक उसने पश्चिम बंगाल में भाजपा से कुछ ज्यादा 154.28 करोड़ रुपए खर्च किए।
चुनाव आयोग को सौंपे खर्च के ब्योरे के मुताबिक बीजेपी ने इन 5 राज्यों के चुनाव में प्रचार में 252 करोड़ 2 लाख 71 हजार 753 रुपए खर्च किए। इनमें से असम में उसने 43.81 करोड़ रुपए और पुडुचेरी में 4.79 करोड़ रुपए खर्च किए। तमिलनाडु में पार्टी ने 22.97 करोड़ रुपए और केरल में पार्टी ने 29.24 करोड़ रुपए खर्च किए।
बंगाल में इतना खर्च करने के बाद भी पार्टी ममता बनर्जी को सत्ता में आने से नहीं रोक सकी। यहां तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही। हालांकि बीजेपी के लिए राहत की बात ये रही कि वह बंगाल में वह पहली बार मुख्य विपक्षी पार्टी बनने में कामयाब रही। यहां वाम दलों और कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया।
असम में भाजपा ने सत्ता ने दोबारा वापसी की। वहीं पुडुचेरी में पार्टी पहली बार गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। यहां कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी। तमिलनाडु में भाजपा को सिर्फ 2.6% वोट मिले। दक्षिण के इस राज्य में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) अपने चिर प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) से सत्ता छीनने में सफल रही। यहां भाजपा और AIADMK मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। केरल में एक बार फिर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) अपनी सत्ता बचाने में सफल रहा। यहां भाजपा को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। कांग्रेस भी सत्ता में वापसी का सपना पूरा नहीं कर सकी।