तिल्दा नेवरा:- नगर पालिका प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण वार्ड नंबर 22 में स्थित गौठान में आए दिन गाय एवं बैलों की मृत्यु हो रही है आसपास के स्थित लोगों का कहना है कि गायों की मृत्यु चारा पानी के अभाव से हो रहा है जिसमें नगर पालिका के अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा कोई उचित व्यवस्था न करने के कारण अभी तक 7,8 गायों की मौत हो चुकी है दबी जुबान से कुछ लोगों का कहना यह भी है कि एक व्यक्ति के द्वारा नगरपालिका में आवेदन देकर गौठान में गायों को रखने की इजाजत मांगी गई थी और अगर गायों को कुछ होता है तो वह मेरी जवाबदारी है करके नगर पालिका में लिखित आवेदन देकर गठान की चाबी ली गई थी अब जब गायों की मौत हो रही है तो उन मौतों की जिम्मेदारी लेने वाला ना तो वह व्यक्ति है जो लिखित आवेदन नगर पालिका ने दिया था और ना ही नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदारी लेना चाहते हैं सब बिचारे गाय बैलों की मौत का मुख दर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं अगर चारे पानी की व्यवस्था नहीं है तो गायों को गौठान से बंधन मुक्त कर देना चाहिए ना कि उसे मरने के लिए वही छोड़ना चाहिए छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी के तहत यह गौठान बनाया गया है अगर यह योजना सरकार की है तो निश्चित ही गायों के लिए चारा पानी का पैसा तो मिलता ही होगा लेकिन वह पैसा कहां जाता है समझ से परे है और बिना चारे पानी के गायों को रखा जा रहा है जोकि घोर निंदनीय है समझ में नहीं आता कि नगर पालिका के द्वारा इस तरह के कृत्य को क्यों अंजाम दिया जा रहा है गाय बैलों के साथ में छोटे छोटे बछड़े भी गौठान में कैद हैं जो अपनी मौत की बारी का इंतजार कर रहे हैं आज एक नंदी बैल के मौत हो जाने के बाद नगर पालिका के द्वारा एक जेसीबी बुलाकर जेसीबी से बैल को उठाकर श्मशान घाट के पास ले जाकर फेंक दिया गया जो कि गाय बैलों के मौत के बाद भी उनका अपमान किया जाना है अब यह देखना लाजमी होगा कि तिल्दा नेवरा नगर पालिका प्रशासन के हाथों पर कितने गायों के मौत का खून लगता है लगातार हो रही गायों के मौतों का कोई देखने और सुनने वाला नहीं है