महराजगंज/रायबरेली: वैसे तो खाकी वर्दी की आम शोहरत जनता के बीच अच्छी नहीं रहती है। पुलिस के कामकाज को लेकर समाज, मीडिया, न्यायपालिका तक उंगलियां उठाते रहते हैं। लेकिन तमाम विवादों के बीच पुलिस कभी-कभी कुछ ऐसा काम भी कर देती है, जिसकी सराहना आम जनमानस करने लगता है, और थोड़ी देर के लिए पुलिस की छवि इंग्लैंड की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस की हो जाती है। ऐसा ही वाकया बृहस्पतिवार की रात कस्बा महराजगंज में देखने को मिला। जबकि एक पीड़ित उपेक्षित बिना बाप की बेटी को उसके सपनों का राजकुमार पुलिस की कोशिश से मिल गया। सोनिका की मांग में सिंदूर भी घर आ गया। अग्नि के सात फेरे लगाकर वह दुल्हन भी बनी और पारंपरिक तरीके से उसकी डोली भी उठी।
आपको बता दें कि, मामला क्षेत्र के गांव शिवप्रसाद गंज मजरे पहरावा का है। यहां के रहने वाले सुखदेव यादव ने जीते जी अपनी बड़ी पुत्री सोनिका की शादी अपने ही एक रिश्तेदार गुरसेवक के लड़के आनंद यादव निवासी ग्राम कोहली मजरे रूपा मऊ थाना डीह जनपद रायबरेली के साथ तय किया था। लेकिन सुखदेव की असमयिक मौत हो गई। परिवार में गुरसेवक की दूसरी पत्नी यानी सोनिका की सौतेली मां कलावती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। परिवार में सोनिका की दो छोटी बहनें भी थी। पूरा परिवार बिखर गया। अब सोनिका के सामने परिवार के पालन पोषण के साथ-साथ मां के इलाज और घर संचालन की जिम्मेदारी आ गई। धीरे धीरे सोनिका ने पिता द्वारा छोड़ी गई। थोड़ी सी जमीन के सहारे अपना दायित्व संभाला और अपने से छोटी दोनों बहनों का सामर्थ्य के हिसाब से शादी विवाह किया। उसकी शादी की बात तो पीछे छूट गई। हालांकि कुछ रिश्तेदारों नातेदारों ने बीच में पड़कर सुखदेव द्वारा जीते जी सोनिका की तय की हुई शादी के परिवार वालों से संपर्क साधा और प्रस्ताव रखा कि, साधारण तरीके से सोनिका की शादी आनंद के साथ संपन्न करा दी जाए। लेकिन आनंद के परिवार वाले लगातार दबाव बनाते रहे कि, शादी होगी तो पारंपरिक ढंग से धूमधाम के साथ बारात लेकर वह लोग आएंगे, तभी शादी होगी लेकिन आर्थिक रूप से विपन्न हो चुका सोनिका का परिवार यह बोझ उठाने को समर्थ नहीं था।
बताते हैं कि, मामला बिगड़ गया। वर पक्ष अपनी जिद पर अड़ा रहा। फिर सोनिका ने महराजगंज कोतवाली पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक रेखा सिंह को अपनी व्यथा कथा सुनाई। इससे रेखा सिंह काफी द्रवित हो गई, और उन्होंने वर पक्ष को भी थाने बुलाया। दोनों पक्षों के बीच घंटों बातचीत चली। लेकिन कोई हल नहीं निकला। तभी रेखा सिंह ने यह कहते हुए कि, वर पक्ष अपनी बारात लेकर यह महराजगंज जावे, वह समाज के जिम्मेदार लोगों से मदद लेकर सोनिका की मांग में आनंद से ही सिंदूर भरवा कर दुल्हन के रूप में विदा कराएंगी।
इसी क्रम में कोतवाल ने क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से सहयोग करा कर बीती रात महराजगंज जिला पंचायत के गेस्ट हाउस में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हुआ। सारे रीति-रिवाजों के साथ बारात का द्वारचार हुआ वर कन्या ने एक दूसरे को माला पहनाते हुए अग्नि के सात फेरे लेकर जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाई।
कोतवाल रेखा सिंह ने सोनिका के अभिभावक की भूमिका निभाते हुए कन्यादान किया। बारातियों और जनातियों के लिए स्वादिष्ट भोजन का प्रबंध किया गया था। रिमझिम बारिश के बीच लोगों का उत्साह फीका नहीं पड़ा, और सुबह खुशी खुशी सोनिका की विदाई हो गई। कार्यक्रम में थाने और चौकी के पुलिसकर्मियों और समाज के लोगों द्वारा समर्थ के मुताबिक उपहार भी वर वधु को दिए गए। क्षेत्र में यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।