अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के इनजेनिटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Helicopter) ने मंगल ग्रह पर तीसरी बार सफल उड़ान भरी है. इस दौरान हेलिकॉप्टर 16 फीट की ऊंचाई तक गया और 164 फीट की दूरी तय की. उड़ान के समय हेलिकॉप्टर की अधिकतम रफ्तार 6.6 फीट प्रति सेकेंड रही, जो पहले की स्पीड से चार गुना ज्यादा है. नासा ने बताया कि इस पूरे अभियान का वीडियो क्लिप आने वाले दिनों में जारी किया जाएगा. इनजेनिटी प्रोजेक्ट के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव डेव लैवरी ने कहा कि आज की उड़ान वही थी जो हमने प्लान की थी और फिर भी यह किसी कमाल से कम नहीं था. 80 सेकेंड की इस उड़ान को नासा के परसेवेरेंस रोवर में लगे मास्टकैम जेड के जरिए शूट किया गया है. इसी रोवर ने चार पाउंड वजनी इस हेलिकॉप्टर को नासा के सहत पर पहुंचाया था.
नासा ने उड़ान के बारे में बताया कि अगर इनजीनिटी बहुत तेजी से उड़ान भरता है, तो फ्लाइट अल्गोरिदम सतह की विशेषताओं को ट्रैक नहीं कर सकता. इनजीनिटी की उड़ानें पृथ्वी से अलग-अलग स्थितियों के कारण चुनौतीपूर्ण हैं. इसमें सबसे बड़ी बाधा मंगल का वातावरण है. जो हमारे यहां के घनत्व से काफी पतला है. नासा ने बताया कि वह अब चौथी उड़ान की तैयारी कर रहे हैं. प्रत्येक उड़ान में पहले से ज्यादा ऊंचाई और दूरी तय करने की कोशिश की जाएगी. इनजीनिटी ने 19 अप्रैल को अपनी पहली उड़ान भरी थी. इस दौरान वह जमीन से 10 फीट की ऊंचाई तक उड़ा था.
मंगल पर रोटरक्राफ्ट की जरूरत इसलिए है क्योंकि वहां की अनदेखी-अनजानी सतह बेहद ऊबड़-खाबड़ है. मंगल की कक्षा में चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ज्यादा ऊंचाई से एक सीमा तक ही साफ-साफ देख सकते हैं. वहीं रोवर के लिए सतह के हर कोने तक जाना मुमकिन नहीं होता. ऐसे में ऐसे रोटरक्राफ्ट की जरूरत होती है जो उड़ कर मुश्किल जगहों पर जा सके और हाई-डेफिनेशन तस्वीरें ले सके. 2 किलो के Ingenuity को नाम भारत की स्टूडेंट वनीजा रुपाणी ने एक प्रतियोगिता के जरिए दिया था.