प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ की अगली किस्त जारी की। उन्होंने एक बटन दबाकर नौ करोड़ किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। इस योजना के तहत हर साल तीन किस्तों में किसानों के खातों में 6,000 रुपये भेजे जाते हैं। किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में भेजी जाती है। प्रधानमंत्री ने इस योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया और विपक्ष पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष किसानों के नाम पर अपनी विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है और उनके बीच भ्रम फैला रहा है। तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की दस खास बातें…
- प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के साथ बातचीत करते हुये कहा कि कुछ लोग यह भ्रम और झूठ फैला रहे हैं कि यदि किसान अनुबंध खेती करेंगे तो उनकी जमीन चली जायेगी। कुछ पार्टियां नये कृषि कानूनों का विरोध कर अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।
- आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक क्लिक पर 18 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।
- मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।
- अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को राष्ट्रीय क्षति मानते थे। पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकों के लिए दिल्ली से भेजा जाने वाला पैसा अब न तो कम होता है और न ही गलत हाथों में जाता है।
- पीएम मोदी ने कहा कि स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है। जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो दल यहां किसान के नाम पर दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं, देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। ममता बनजी सरकार ने पश्चिम बंगाल को बर्बाद किया है। यह सरकार राज्य के किसानों को मिलने वाला लाभ रोककर राजनीति कर रही है।
- पीएम मोदी ने कहा कि आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं। आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं।
- उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई।
- 2014 में सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने नई अप्रोच के साथ काम करना शुरू किया। हमने देश के किसान की छोटी छोटी दिक्कतों, कृषि के आधुनिकीकरण और उसे भविष्य की ज़रूरतों के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया।
- पीएम मोदी ने किसानों से संवाद कार्यक्रम में सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के किसान गगन पेरिंग से बात की। गगन पेरिंग ने बताया कि उन्हें पीएम किसान निधि के तहत 6,000 रुपये मिले हैं, जिसका उपयोग ऑर्गेनिक खाद और दवा खरीदने में किया।’ उन्होंने फिर बताया कि एफपीओ के तहत उनके साथ 446 किसान जुड़े हैं जो ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने हल्के अंदाज में किसान गगन से पूछा कि क्या कंपनी सिर्फ आपकी अदरक ले जाती है या साथ में जमीन भी ले जाते हैं? इस पर गगन ने कहा कि नहीं, कंपनी जमीन नहीं ले जाती। इस किसान की बात पर पीएम मोदी ने कहा कि आप इतनी दूर अरुणाचल प्रदेश में बैठे हैं और कह रहे हैं कि आपकी जमीन सुरक्षित है, मगर यहां किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि किसानों की जमीन ले ली जाएगी।
- इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 10 करोड़ 60 लाख किसानों के खातों में कुल 96 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। इस कार्यक्रम का आयोजन ऐसे समय हुआ है जब दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ