पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार का लगातार विरोध हो रहा है। विपक्षी दलों ने सुरक्षा के खतरों के बावजूद रैली निकाली और प्रधानमंत्री इमरान खान गद्दी छोड़ो के नारे लगाए। अशांत दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में सुरक्षा खतरों के बावजूद पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के राष्ट्रीय अभियान के तहत रविवार को अपनी तीसरी बड़ी सामूहिक रैली आयोजित की।
ग्यारह विपक्षी दलों का पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नामक यह गठबंधन 20 सितंबर को बनाया गया था। इससे पहले यह गठबंधन इस महीने गुजरांवाला और कराची में दो बार सफल शक्ति प्रदर्शन कर चुका है।
राष्ट्रीय आतंकवाद-निरोधक प्राधिकरण ने सुरक्षा के दौरान सुरक्षा अलर्ट जारी किया और चेतावनी दी कि उसे ‘पक्की सूचना मिली है कि क्वेटा और पेशावर में विपक्षी रैलियों को आतंकवादी निशाना बना सकते हैं।
क्वेटा के अयूब स्टेडियम में जनसभा शुरू हुई तो रैली स्थल से 35-40 मिनट के सफर की दूरी पर स्थित हाजरगांजी में एक विस्फोट हुआ जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी और सात अन्य घायल हो गये। पुलिस के अनुसार एक मोटरसाइकिल में एक आईईडी लगाया गया था।
पीडीएम नेताओं ने विस्फोट से प्रभावित हुए बिना रैली जारी रखी जिसमें पीडीएम अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान और गठबंधन के अन्य शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।
पीएमएल-एन अध्यक्ष और तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ ने लंदन से वीडियो लिंक के माध्यम से रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के मौजूदा हालात के लिए एक बार फिर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को जिम्मेदार ठहराया। शरीफ ने कहा, ”जनरल बाजवा, आपको 2018 के चुनावों में हुई रिकॉर्ड धांधली पर, संसद में हुई खरीद-फरोख्त पर जवाब देना होगा।’ उन्होंने आईएसआई प्रमुख पर भी कई सालों से राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया।पाकिस्तान की सेना ने राजनीति में हस्तक्षेप की बात से इनकार किया है।
शरीफ की बेटी और पार्टी उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान और बलूचिस्तान के नसीब को बदलने का वक्त आ गया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने वीडियो लिंक के माध्यम से रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”ऐसा कैसा लोकतंत्र है जहां न मीडिया स्वतंत्र है और न न्यायपालिका।”