बिहार बोर्ड की तरफ से आयोजित इंटर की परीक्षा का आंसर शीट बदले जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने निगरानी जांच का आदेश दिया है। बोर्ड की परीक्षा में मूल आंसर शीट यानी उत्तर पुस्तिका के पहले और अंतिम पन्ने के बीच लिखा हुआ पुराना आंसर शीट स्टेपल करने के मामले में हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह मामूली कदाचार का मामला नहीं बल्कि एक बड़े रैकेट की आशंका को दिखाता है। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की निगरानी जांच का आदेश दिया है।
दरअसल यह पूरा मामला बीते साल इंटर की परीक्षा से जुड़ा हुआ है। इंटर की परीक्षा देने वाले मो इरफान के आंसर शीट मूल्यांकन के दौरान गड़बड़ी पाई गई थी
दरभंगा स्थित लोहिया चरण सिंह कॉलेज जो इंटर परीक्षा केंद्र था। वहां एग्जाम देने वाले इरफान के आंसर शीट में लिखा हुआ पुराना आंसर स्टेपल किया गया था। गड़बड़ी सामने आने के बाद बोर्ड ने इरफान के रिजल्ट को ना केवल रद्द कर दिया था बल्कि परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी थी।
बोर्ड के फैसले के बाद मो. इरफान की तरफ से पटना हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ में निगरानी ब्यूरो के एडीजी से पूरे प्रकरण की प्रारंभिक जांच कराने और इस रैकेट में जो भी कर्मी और अधिकारी जिम्मेदार पाए जाएं उन सभी का नाम सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के सामने देने को कहा है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि 3 अगस्त तक निगरानी की तरफ से की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कोर्ट को मुहैया कराई जाए।
सवांददाता: संजीव मेहता