‘उत्तर प्रदेश की राज्यपाल कोर्ट में हाजिर हों’ SDM के इस फरमान पर प्रदेश में मच गया हड़कंप

उत्तर प्रदेश में एक उपजिलाधिकारी द्वारा राज्यपाल को समन जारी कर मुकदमे में पेश होने का आदेश जारी कर दिया गया है. बदायूं की सदर तहसील के एसडीएम का यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद प्रदेश सरकार में ऊपर से नीचे तक हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल यह मामला संवैधानिक व्यवस्था का बन गया है, जिसके तहत संवैधानिक पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति की संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत इम्यूनिटी मिली होती है. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह का कानूनी नोटिस या समन जारी नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद एसडीएम की तरफ से समन जारी करने पर राजभवन नाराज हो गया है. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सचिव ने डीएम बदायूं को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई की चेतावनी दी है.

18 अक्टूबर को पेश होने का दिया था आदेश

बदायूं की सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार ने राज्यपाल को समन जारी करते हुए 18 अक्टूबर को अपनी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. इसमें राज्यपाल को सरकारी सड़क के भूअधिग्रहण मुआवजे से जुड़े केस में अपना पक्ष रखने को कहा गया है. एसडीएम ने यह समन 7 अक्टूबर को जारी किया था, जो लखनऊ राजभवन में 10 अक्टूबर को पहुंचा था. इस समन के मिलते ही राजभवन में हड़कंप मच गया. इसके बाद राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने 16 अक्टूबर को डीएम बदायूं मनोज कुमार को पत्र लिखकर अनुच्छेद 361 के उल्लंघन के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया. इसके बाद पूरा मामला सुलझ पाया, लेकिन इस बीच किसी ने एसडीएम की तरफ से जारी समन सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया है, जो बेहद वायरल हो गया है.

किस मामले में जारी किया गया था समन

बदायूं बाईपास पर ग्राम लोड़ा बहेड़ी के करीब कुछ जमीन राज्य सरकार ने अधिग्रहित की थी. इस अधिग्रहण के बदले लेखराज नाम के व्यक्ति को 12 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के तौर पर मिली थी. यह जमीन लेखराज के ही नाम पर है. इस मुआवजे पर बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने आपत्ति जताते हुए एसडीएम सदर कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था. चंद्रहास का दावा है कि यह जमीन उसकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति है, जिसे उनके एक रिश्तेदार ने धोखे से अपने नाम कराकर लेखराज को बेच दिया है. इस मुकदमे में चंद्रहास ने लेखराज के अलावा पीडब्ल्यूडी ऑफिसर और राज्यपाल को भी पक्षकार बनाया था. इसी कारण राज्यपाल को भी पेश होकर पक्ष रखने का समन एसडीएम कोर्ट से जारी कर दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बदायूं डीएम मनोज कुमार ने बताया है कि राज्यपाल की तरफ से मिले पत्र के आधार पर संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीत कुमार को चेतावनी दे दी गई है.