लखनऊ के गोमतीनगर थाने में गाजियाबाद के नवटरलाल दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। उन पर आरोप है कि खुद को गृहमंत्री का पीएस बताकर राजधानी के एक प्रॉपर्टी डीलर और उसके भाई से 82 लाख रुपए ठगे। दंपती ने अपनी गैंग के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलर से दो करोड़ रुपए की रंगदारी की मांग की। साथ ही मांग पूरी न होने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी है।
सरस्वतीपुरम गोमतीनगर निवासी आशीष कोहली के मुताबिक, भाई गोल्डी प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। उनका दिल्ली एनसीएलटी कोर्ट में एक केस चल रहा है। जिसका स्टे खारिज कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसी दौरान उनकी मुलाकात गाजियाबाद राजनगर ऑफिसर्स सिटी निवासी नितिन गुप्ता, उसकी पत्नी शिखा गुप्ता और परिचित वरुण चौहान से मुलाकात हुई। नितिन ने खुद को एक केंद्रीय मंत्री का पीएस बताया और वरुण को गृहमंत्री का पीएस बताया। साथ ही दावा किया कि वह स्टे खारिज करवा देंगे। इसके लिए 12 लाख रुपए की मांग की।
उनकी बातों में आकर भाई ने पैसे देने की हामी भर दी। कुछ दिन बाद स्टे खारिज संबंधी कोर्ट का एक ऑर्डर नितिन ने दिया। कहा कि जल्द ही ऑर्डर अपलोड हो जाएगा। जिसके चलते भाई ने 12 लाख रुपए दे दिए। ऑर्डर अपलोड नहीं होने पर पड़ताल की तो ठगी की जानकारी हुई।
ऑर्डर अपलोड न होने पर नितिन से बातचीत करने पर उसने बातों में उलझा लिया। उसके बाद कहा कि वह केंद्र सरकार से उनकी एनजीओ को 180 करोड़ एक प्रोजेक्ट दिलवा देगा। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद दस करोड़ रुपए एडवांस मिलने की बात कह कर 20 लाख रुपए वसूले। पैसा खाते में न आने पर जानकारी शुरू की तो पता चला कि वरुण उनकी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा करने की कोशिश में लगा है। धमकी दी कि 2 करोड़ रुपए दो वरना केस में फंसाकर जेल भिजवा देंगे। तब गोल्डी ने नितिन की पत्नी के खाते में 50 लाख रुपए जमा किए।
आशीष ने बताया कि ठगी गिरोह में नटवरलाल दंपती नितिन-शिखा के साथ ही वरुण, रवि चौहान, कविता चौहान, देवेंद्र सिंह, विवेक, वैभव प्रमुख हैं। आशीष का आरोप है कि इनके गिरोह में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर देवेंद्र और विवेक भी शामिल हैं। जिनकी तैनाती मथुरा में बताई जा रही है। वह इनकी मदद करते हैं। थाना पुलिस के मुताबिक FIR दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। जिसकी भूमिका सामने आएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह पहले भी कई लोगों से ठगी कर चुका है। यह गिरोह 2019 राजस्थान पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। राजस्थान पुलिस ने खुलासा किया था कि नितिन और उसकी पत्नी शिखा ने हजारों लोगों से ठगी की है। तब शिखा ने खुद को केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्य बताकर लोगों को बोर्ड से प्रमाण पत्र दिलाने के साथ सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। नितिन मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला है। मेरठ में कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते समय मैरिज ब्यूरो कर्मी शिखा से दूसरी शादी भी की थी।