मां की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने बच्चे की सुरक्षा और उसे ज़िंदगी का हर सुख देने के लिए अपनी सुविधाएं और जान दांव पर लगा देती है. निकी एंट्रम ऐसी ही ऑस्ट्रेलियन मां हैं, जिन्होंने अपने बेटे की खुशी के आड़े उसकी कुदरती असहायता भी नहीं आने दी. 43 साल की निकी ने अपने मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग बेटे को पीठ पर लादकर आधी दुनिया दिखा दी है. उनकी कुछ तस्वीरें हम आपको दिखाते हैं, जिन्हें देखकर आपका दिल भर आएगा और आप इस मां की तारीफ करते नहीं थकेंगे. निकी एंट्रम ने अपने बेटे जिमी को 17 साल की छोटी सी उम्र में जन्म दिया था. उनका बेटा जन्मजात दिव्यांग था. उसे शारीरिक और मानसिक अपंगता के साथ-साथ अंधेपन की भी दिक्कत थी. कुल मिलाकर उसे 24 घंटे की देखभाल चाहिए थी.हालांकि निकी एंट्रम ने बेटे की किसी भी दिक्कत को उसकी खुशियों के आड़े नहीं आने दिया. अब 26 साल के हो चुके जिमी को निकी ने अपनी पीठ पर लादकर हवाई से लेकर बाली और पेरिशर की स्की स्लोप्स तक दिखा डालीं. ये सारा सफर उन्होंने बेटे को पीठ पर पनाह देकर ही पूरा किया.क्वींसलैंड के सनशाइन कोस्ट में रहने वाली निकी अपने बेटे को सबसे अच्छी ज़िंदगी देने का वादा किया था और उसे पूरा करने के लिए ताकतवर मां के कंधे की काफी हैं. वे कोरोना के बढ़ने से पहले कनाडा की भी ट्रिप पूरी करना चाहती हैं.ऐसा नहीं है कि निकी के पास व्हीलचेयर नहीं है, लेकिन उसकी मां को उसे कंधों पर लादकर सैर कराना पसंद है. थोड़ी-थोड़ी दूरी वे खुद जिमी से तय करने को कहती हैं, जबकि मुश्किल रास्तों पर वे उसे उठा लेती हैं.उनकी छुट्टियों की बेहतरीन तस्वीरें और कंधों पर जिमी को उठाए हुए निकी को देखकर आप उनके प्रेम पर मोहित हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि उन्हें ट्रिप पर जाते वक्त ढेर सारे डायपर, कपड़े और बेड पैड्स, शीट्स के साथ-साथ पिलोकेस ले जाने होते हैं.निकी के ट्रैवेलिंग प्लान में रेस्टोरेंट, होटल और एडवेंचरस ट्रिप्स भी होती हैं. वे सभी वेन्यू पर अपनी परिस्थिति भी बताती हैं ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो. कई बार उन्हें रुकने से मना भी कर दिया जाता है. उन्होंने अपने बैग्स के साथ जिमी को पीठ पर लादने की प्रैक्टिस की है, ताकि वे ऐसा आराम से कर सकें.उनका कहना है कि वे जिंदगी की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज़ अपने बेटे जिमी के साथ एंजॉय करना चाहती हैं. आउटिंग पर निकलने से पहले वे जिमी को कपड़े पहनाकर तैयार करती हैं और उसकी ज़रूरत की चीजें भी रखती हैं. भले ही उनके लिए काम ज्यादा होता है, लेकिन वे मां के तौर पर संतुष्टि को अहमियत देती हैं.