ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने सोमवार को काप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन का उद्घाटन चेतावनी के साथ की। उन्होंने कहा कि दुनिया विनाश के कगार पर खड़ी है और उसे बचाने के लिए नेताओं को ‘जेम्स बांड’ बनना होगा।
जानसन ने गर्म होती धरती की स्थिति की तुलना काल्पनिक किरदार ‘जेम्स बांड’ से की जिस पर एक ऐसा बम लिपटा हुआ है जो दुनिया का विनाश कर सकता है तथा बांड उसे निष्क्रिय करने का प्रयास करता है और अंत में दुनिया को बचा लेता है। जानसन वैश्विक नेताओं के सामने कहा, ‘हम लगभग वैसी ही स्थिति में हैं और दुनिया को समाप्त कर देने वाला बम काल्पनिक नहीं बल्कि वास्तविक है।’
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का खतरा कोयले, तेल और प्राकृतिक गैस को जलाने से पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सब ग्लासगो में शुरू हुआ था जब जेम्स वाट ने कोयले से चलने वाले भाप के इंजन का अविष्कार किया था। जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र के इस शिखर सम्मेलन का लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने संबंधी समझौते को मूर्त रूप देना है।
इस सम्मेलन का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन में इस हद तक कटौती करने पर सहमति बनाना है कि वैश्विक ताप औद्योगिकीकरण से पूर्व के स्तर से डेढ़ डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं बढ़े। जानसन ने हम पहले ही बहुत देर कर चुके हैं और अब इस पर कार्रवाई करने का समय है। उन्होंने कहा कि विश्व के जो 130 से ज्यादा नेता एकत्र हुए हैं उनकी औसत आयु 60 वर्ष से अधिक है जबकि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित होने वाली पीढ़ी का अभी जन्म नहीं हुआ है।
काप-26 के लिए भेजे गए अपने लिखित संदेश में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त रूप से सख्त कार्रवाई का आह्वान किया। शी सम्मेलन में व्यक्तिरूप से शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए तेजी के साथ अक्षय ऊर्जा को अपनाने पर भी जोर दिया।
इजरायल की ऊर्जा मंत्री कैरीन एल्हारर व्हीलचेयर की वजह से काप-26 सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सकीं। उन्होंने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि समारोह स्थल तक पहुंचने के लिए उन्हें जो वाहन मुहैया कराया गया था, उसमें व्हीलचेयर के साथ बैठने की सुविधा नहीं थी, इसलिए वो सम्मेलन में शामिल नहीं हो सकीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंगलवार को शायद कुछ समाधान निकले और वो सम्मेलन में शामिल हो सकें।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते से अपने देश को बाहर कर लेने के अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के लिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी। बाइडन ने कहा, ‘मुझे माफी नहीं मांगनी चाहिए, लेकिन मैं इस तथ्य के लिए माफी मांगता हूं कि अमेरिका की पूर्ववर्ती सरकार ने देश को पेरिस समझौते से हटा लिया और हमें लक्ष्य से थोड़ा पीछे कर दिया।’