जब बांकेबाजार गया में अर्जक पद्धत्ति से विवाह हुआ सम्पन्न : प्रवीण कुमार

श्रृष्टि कायम रहे,इस तहत वैदिक युग से ही विवाह का प्रचलन है।वेदों में विवाह के कई प्रकार का उल्लेख मिलता है,लेकिन हमारे समाज में जो विवाह पद्धति अपनाई गई वह थी सनातनी विवाह पद्धति,जो पूर्णतया मनुस्मृति पर आधारित थी। वेदों में चार वर्णों का उल्लेख मिलता है।ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र। ब्राह्मण का उत्पत्ति ब्रह्मा के मुख से, क्षत्रिय की उत्पत्ति ब्रह्मा की छाती से, वैश्य की उत्पत्ति ब्रह्मा की नाभि से और शुद्र का जन्म ब्रह्मा के पैरों से हुआ है।यह मनुस्मृति में भी वर्णन है। ब्राह्मण की पैदाइश…