फर्रुखाबाद , 07 जून 2023 जनपद में बुधवार को सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरुआत हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौन में एमओआईसी डॉ राणा प्रताप और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में एमओआईसी डॉ अंशुल चतुर्वेदी ने बच्चों को जिंक व ओआरएस की टेबलेट वितरित कर अभियान की औपचारिक शुरुआत की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने कहा कि दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा सात जून से शुरू हो गया है। यह 22 जून तक चलेगा। पखवाड़ा के दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जिंक व ओआरएस कार्नर बनाए गए है, जहां आने वाले मरीजों को जिंक टेबलेट व ओआरएस के पैकेट दिए जायेंगे।
बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने कहा कि दस्त शुरू होने पर हर दस्त के बाद ओआरएस का घोल पिलाएं।आशा व एएनएम घर-घर जाकर पांच वर्ष उम्र तक के बच्चों को ओआरएस पैकेट व जिंक टैबलेट का वितरण करेंगी। आशा अतिसंवेदनशील क्षेत्रों, झुग्गी झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले, बाढ़ प्रभावित, निमार्ण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, अनाथालय तथा ऐसा चिह्नित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों आदि स्थानों को विशेष रूप से दवा पहुंचाएंगी।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक रणविजय प्रताप सिंह जानकारी देते हुए बताते हैं- आशा अपने क्षेत्र के 5 वर्ष तक के आयु के बच्चों कि सूची तैयार करेंगी और चिन्हित बच्चों के घर भ्रमण करके उन्हें ओआरएस बनाने कि विधि की जानकरी देंगी| साथ ही दस्त से बचाव हेतु साफ़ सफाई के लिए भी प्रेरित करेंगी| उन्होंने कहा की स्वच्छता अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता है। खाना बनाने व खाने से पहले हाथों की अच्छी तरह से साफ सफाई करें। दस्त लगने के दौरान भी सफाई का ख्याल रखें। बच्चों में डायरिया से बचाने के लिए तत्काल चिकित्सकों की सलाह लें।
इस मौके पर सिविल अस्पताल लिंजीगंज में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉ ऋषि नाथ गुप्ता ने लोगों को बच्चों के उम्र के अनुसार ओआरएस घोल व जिंक की गोली के प्रयोग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में दस्त तीन अलग-अलग चरणों में होता है – नो-डिहाईड्रेशन, सम डिहाईड्रेशन और सीवियर डिहाईड्रेशन ।उन्होंने बताया कि पहले और दूसरे चरण को ओआरएस घोल व जिंक की गोली से नियंत्रित किया जा सकता है ।
डॉ ऋषि ने बताया कि दस्त शुरू होने वाले दिन से लेकर 14 दिन तक लगातार, 2 से 6 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली तथा 6 माह से ऊपर के बच्चों एक गोली दिया जाना है । इसके साथ ही साफ-सफाई पर भी बेहद ध्यान देना है और ओ आर एस के घोल के साथ ही छह माह तक के बच्चे को स्तनपान बंद नहीं करना है l स्तनपान बच्चे को जल्द स्वस्थ होने में मददगार साबित होगा l
इन गंभीर लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र लायें
- पानी जैसा मल होना
- बार बार उलटी होना
- अत्यधिक प्यास लगना
- पानी न पी पाना
- बुखार होना
- मल से खून आना
इस दौरान बीसीपीएम विनीता सहित अन्य लोग मौजूद रहे |