पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों में लगातार जारी बढ़ोतरी के खिलाफ केंद्र सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में सोमवार को हंगामा करते हुए मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की। करीब दो हफ्ते से लगभग रोजाना दामों में की जा रही वृद्धि से जनता पर पड़ रहे दोहरे बोझ का हवाला देते हुए विपक्षी दलों ने संसद में तत्काल महंगाई पर चर्चा की आवाज उठाई। महंगाई पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये चर्चा कराने की मांग खारिज किए जाने पर विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामा करते हुए शून्यकाल और प्रश्नकाल को नहीं चलने दिया
लोकसभा में कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट कर अपना विरोध दर्ज कराया। राज्यसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में इजाफे को लेकर सरकार को घेरते हुए आसन के सामने जाकर नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस के साथ द्रमुक, वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस आदि के सदस्य अपने नेताओं की ओर से नियम 267 के तहत दिए कार्यस्थगन नोटिस का हवाला देते हुए मूल्य वृद्धि पर तत्काल चर्चा की मांग करने लगे।
सभापति वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, भाकपा के विनय विश्वम, द्रमुक के तिरुचि शिवा आदि के कार्य स्थगन नोटिस को खारिज करते हुए महंगाई पर चर्चा की मांग ठुकरा दी तो विपक्ष ने हंगामा तेज कर दिया और तब सदन स्थगित हो गया। दोपहर 12 बजे प्रश्नकाल शुरू हुआ, तब भी विपक्षी सांसद पेट्रोल-डीजल-गैस के दामों में किए गए इजाफे को वापस लेने की आवाज बुलंद करते रहे और सदन फिर दो बजे तक स्थगित हो गया।