महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजों से पहले ही जहां महाविकास आघाड़ी (एमवीए) और महायुति ने अपनी-अपनी जीत के दावे करने शुरू कर दिए हैं, वहीं दोनों गठबंधनों में सीएम पद को लेकर आंतरिक रूप से टकराव भी शुरू हो गया है। एमवीए में कांग्रेस जहां सीएम पद पर अपना दावा कर रही है, वहीं उसकी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) इससे साफ इन्कार कर रही है। दूसरी तरह, महायुति में भाजपा और शिवसेना सीएम की कुर्सी को लेकर आमने-सामने खड़े दिख रही हैं। बता दें कि राज्य में बुधवार को मतदान संपन्न हुए। नतीजे 23 को आने हैं।
नाना पटोले का दावा
कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा कर दिया है कि प्रदेश में एमवीए की सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा। पटोले की इस बात पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने इस कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा, अगर ऐसा है तो राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नाना पटोले को मुख्यमंत्री घोषित कर देना चाहिए। वहीं, मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्ताधारी दल महायुति में भी रस्साकशी शुरू हो गई है।
देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए-बावनकुले
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री के चेहरे पर लड़ा गया। इसलिए हमें लगता है कि मुख्यमंत्री पद पर एकनाथ शिंदे का हक है।
दल कर रहे जीत के दावे
महाराष्ट्र चुनाव मे मतदान प्रतिशत बढ़ने से दोनों ही गठबंधन अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। सत्तापक्ष महायुति जहां इसे अपने पक्ष में मानकर चल रहा है, वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) इसे सरकार विरोधी लहर मानते हुए अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है। इस बीच भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति ने उन निर्दलीय उम्मीदवारों को अभी से साधना शुरू कर दिया है, जिनके चुनाव जीतने की संभावना है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का संकेत
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले यह संकेत दिया है। 2019 की तुलना में इस बार चार फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। मुंबई में 30 साल बाद मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, ज्यादातर क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने बढ़चढ़कर मतदान किया। इसको लेकर दोनों ही गठबंधन के नेता अपनी-अपनी जीत की गणना में व्यस्त हैं।
इस बीच, चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महायुति को बहुमत मिले या न मिले, लेकिन सरकार बनाने के लिए हम निर्दलीय विधायकों को अपने साथ रखेंगे। संकेत साफ है कि भाजपा ने अभी से निर्दलीय उम्मीदवारों को अपनी तरफ लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
फडणवीस का बयान
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य में जब भी मतदान प्रतिशत बढ़ता है तब भाजपा को फायदा होता है। हमने दो दर्जन से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के बारे में संपर्क किया तो पता चला कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा है। इसकी सबसे बड़ी वजह लाड़ली बहना योजना है। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा है कि भाजपा ने राज्य की राजनीतिक संस्कृति को नुकसान पहुंचाया है। कहने के लिए चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है, असल में पैसों का उत्सव हुआ है।
महाराष्ट्र में 65.11 फीसदी मतदान
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के दौरान बुधवार को हुई बंपर वोटिंग ने तीन दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में में 288 विधानसभा सीटों पर 65.11 फीसदी मतदान हुआ, जो पिछले 30 साल में सबसे अधिक है। इससे पहले 1995 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 71.7 फीसदी मतदान हुआ था।
एक नजर 2019 के चुनाव पर
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में 61.44 फीसदी वोट पड़े थे। यहां तक कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी 61.33 फीसदी मतदान हुआ। ग्रामीण क्षेत्र, जो चुनाव में अधिक भागीदारी के लिए जाने जाते हैं, इस बार भी सबसे आगे रहे। कोल्हापुर के करवीर निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक 84.79 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। गढ़चिरौली जिले में 73.68 फीसदी वोटिंग हुई। इसके विपरीत, मुंबई जैसे शहरी केंद्रों में 52.07 फीसदी मतदान हुआ, जबकि मुंबई उपनगरीय में 55.77 फीसदी और ठाणे में 56.05 फीसदी मतदान हुआ।
ईवीएम को पहुंचाया नुकसान, 40 पर केस
महाराष्ट्र में बीड जिले के घाटनंदूर में तीन मतदान केंद्रों में तोड़फोड़ करने और कुछ ईवीएम को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने 40 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। हमले में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।