नगर में संचालित झोलाछाप के गलत उपचार के बाद दस वर्षीय बालक की मृत्यु हो गई थी। मृतक के पिता की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस देकर झोलाछाप को अभिलेखों की जांच कराने के निर्देश दिए गए किंतु उसने जवाब ही नहीं दिया जिसके बाद एसीएमओ द्वारा उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर कोतवाली में तहरीर दी गई है।
नगर में संचालित झोलाछाप के गलत उपचार के बाद दस वर्षीय बालक की मृत्यु हो गई थी। मृतक के पिता की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस देकर झोलाछाप को अभिलेखों की जांच कराने के निर्देश दिए गए, किंतु उसने जवाब ही नहीं दिया, जिसके बाद एसीएमओ द्वारा उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर कोतवाली में तहरीर दी गई है।
औंछा थाना क्षेत्र के गांव चौपेरा निवासी प्रवीन कुमार अपने दस वर्षीय पुत्र को बुखार आने पर नगर के ज्योति रोड स्थित दीपू विश्वास बंगाली डॉक्टर के यहां बीती दो जुलाई को ले गए। यहां झोलाछाप ने भर्ती कर उसका उपचार शुरू कर दिया। दो दिन बाद हालत बिगड़ने झोलाछाप ने कहा कि बच्चे की हालत खराब है उसे कहीं और दिखाओ, जिस पर परिजन उसे सैफई मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां उपचार के दौरान 21 जुलाई को बालक की मृत्यु हो गई।
बालक की मृत्यु होने के बाद पिता ने गलत करने को लेकर झोलाछाप दीपू विश्वास के खिलाफ शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की, जिस पर स्वास्थ्य विभाग टीम 31 जुलाई झोलाछाप के यहां पहुंची और नोटिस देकर तीन दिन के अंदर अपने अभिलेखों की जांच कराने के निर्देश दिए, लेकिन झोलाछाप तीन के बजाय 20 दिन बीतने के बाद भी सीएमओ कार्यालय उपस्थित नहीं हुआ।
सीएमओ डाॅ. आरसी गुप्ता ने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए। मंगलवार को नोडल अधिकारी डाॅ. राकेश कुमार ने मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत झोलाछाप के खिलाफ कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने की तहरीर दी है।
इस संबंध में सीएमओ ने बताया कि लगातार झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई जारी है। किसी भी हाल में बिना पंजीकरण के क्लीनिक और पैथोलाजी संचालित नहीं होने दिए जाएंगे।