टेस्ट क्रिकेट में ड्रॉ का नतीजा किसी भी फैन को ज्यादा उत्साहित नहीं करता। शायद यही कारण है कि टी20 की लोकप्रियता टेस्ट पर भारी पड़ रही है। हाल ही में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच रावलपिंडी में खेला गया टेस्ट बमुश्किल इंग्लैंड के पक्ष में गया। मैच के बाद पाकिस्तान बोर्ड की भारी आलोचना हुई। उस पर मैच में एकदम डेड और ड्रॉ लायक पिच बनाने जैसे आरोप लगे। पहले दो दिन में बने 800+ रनों के बाद ड्रॉ की ओर जाते दिख रहे मैच में इंग्लैंड ने 74 रनों से बाजी मारी।
मैच में 1768 रन बने और 53 साल पुराना 1764 रन (ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज, 1969) का रिकॉर्ड टूटा। इससे पहले मार्च में रावलपिंडी में ही ऑस्ट्रेलिया-पाक टेस्ट भी ड्रॉ रहा था। आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया में सबसे ज्यादा 47% टेस्ट पाकिस्तान में ही ड्रॉ होते हैं। इसके बाद भारत और न्यूजीलैंड का नंबर आता है, जहां क्रमशः 40% और 39% टेस्ट ड्रॉ पर खत्म होते हैं। सबसे रोमांचक टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिले हैं, जहां 80% से अधिक मैच नतीजे तक पहुंचते हैं। एशिया में बांग्लादेश और श्रीलंका के मैदान टेस्ट के लिए ज्यादा अनुकूल हैं, जहां क्रमशः 80% और 72% मैच के नतीजे निकलते हैं।
पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज के दौरान इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने कहा कि उन्हें ड्रॉ मैच किसी कीमत पर स्वीकार नहीं हैं। हालांकि, गैर-एशियाई टीमों के लिए पाक में नतीजों तक पहुंचना मुश्किल रहा है। इंग्लैंड ने पाक की जमीन पर खेले 25 टेस्ट में से 3 जीते हैं और 4 हारे हैं। 18 ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं, यानी हर एक नतीजे के बाद तीन ड्रॉ। ऑस्ट्रेलिया ने पाक में 23 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से 11 के नतीजे निकले हैं और 12 मैच ड्रॉ रहे हैं। यानी आधे से ज्यादा (52%) ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं।