दिवंगत अभिनेता फिरोज खान (Feroz Khan) किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है। अपने वक्त के फैशन आइकन कहलाने वाले फिरोज खान ने अपनी रौबदार आवाज, जोशीले अंदाज और दमदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। फिरोज खान सिर्फ एक एक्टर ही नहीं बल्कि डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रहे। 25 सितंबर 1939 को जन्में फिरोज खान के बारे में आपको आज कुछ खास बातें बताते हैं…
फिरोज खान का जन्म बेंगलुरु के एक पठान परिवार के घर हुआ था, जो अफगानिस्तान से विस्थापित होकर आया था। फिरोज खान की मां ईरानी थी और खानदान गजनी का रहने वाला। फिरोज खान की शुरुआती पढ़ाई बेंगलुरु में ही हुई और इसके बाद वो मुंबई आ गए और साल 1960 में फिल्म दीदी से बॉलीवुड डेब्यू किया। फिरोज ने शुरुआती करियर में ही इंग्लिश फिल्म ‘टार्जन गोज तो इंडिया’ में काम किया था, जिस में वो सिमी ग्रेवाल के साथ नजर आए थे। 1969 में रिलीज हुई फिल्म आदमी और इंसान के लिए फिरोज खान को फिल्मफेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवॉर्ड मिला। इसके बाद फिरोज खान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फिरोज खान अपनी ऑनस्क्रीन एक्टिंग के साथ ही अपने ऑफस्क्रीन अंदाज के लिए भी जाने जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिरोज खान को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। दरअसल साल 2006 में एक फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में फिरोज खान पाकिस्तान गए थे। उस वक्त एक पार्टी में पाकिस्तान की एक नामचीन शख्सियत से उनकी किसी बात पर बहस हो गई और फिरोज खान ने भारत की छाती ठोककर तारीफ और पाकिस्तान की कथित तौर पर बुराई कर दी। बस फिर क्या था… इसके बाद से ही फिरोज खान की पाकिस्तान में एंट्री पर बैन लगा दिया गया था।
बता दें कि फिरोज खान अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ ही साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहते थे। फिरोज ने करीब 5 साल तक सुंदरी को डेट करने के बाद शादी कर ली थी। सुंदरी और फिरोज के दो बच्चे लैला खान और फरदीन खान हुए। कहा जाता है कि दो बच्चों के पिता होने के बाद भी फिरोज किसी और को दिल बैठे थे, जिसकी वजह से उनके और सुंदरी के रिश्तों में खटास आई। दूरियां इतनी बढ़ गईं कि दोनों अलग- अलग रहने लगे और फिर नौबत तलाक तक आ गई। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि फिरोज खान, अभिनेत्री मुमताज को भी दिल से पसंद करते थे, लेकिन कभी साथ नहीं हो पाए। हालांकि फिरोज के बेटे फरदीन ने मुमताज की बेटी नताशा से शादी की और आखिरकार मुमताज और फिरोज समधी बनकर रह गए।
हिंदी सिनेमा में अगर कोई अभिनेता अपने रौबदार अंदाज के लिए सबसे फेमस रहा तो वो राजकुमार हैं। फिल्म 1965 में राजकुमार राव से फिरोज खान का भी सामना हुआ था। उस वक्त राजकुमार एक बड़ा नाम थे और फिरोज खान अपने पैर जमा रहे थे। ऐसे में शूटिंग के दौरान जब राजकुमार, फिरोज को एक्टिंग से जुड़ा ज्ञान दे रहे थे तो फिरोज उठ खड़े हुए थे और कहा था कि आप अपना काम अपने तरीके से कीजिए और मैं अपना काम अपने हिसाब से कर लूंगा। हालांकि फिरोज का ये अंदाज राजकुमार को पसंद आया था और उन्होंने कहा था- ‘मैं भी ऐसा ही हूं और हमेशा ऐसे ही रहना।’
औरत, सफर, मेला, उपासना, अपराध, खोटे सिक्के, जांबाज, दयावान, यलगार, धर्मात्मा, जानशीन, कुर्बानी, प्रेम अगन जैसी बेहतरीन फिल्मों से दर्शकों का दिल जीतने वाले फिरोज खान ने साल 2009 में इस दुनिया को कैंसर के चलते अलविदा कह दिया था। कहा जाता है कि आखिरी वक्त में फिरोज खान ने बेंगलुरु में अपना फार्म हाउस पर वक्त बिताया था। याद दिला दें कि फिरोज खान की आखिरी फिल्म 2007 में रिलीज हुई वेलकम थी। फिल्म में आरडीएक्स के जोरदार किरदार से फिरोज खान ने नए युवा दर्शकों के बीच भी अपनी पहचान बना ली थी।