पीलीभीत टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज के जंगल में छह माह पूर्व एक बाघ का लंगड़ाकर चलने का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो का संज्ञान लेकर वन विभाग के अफसरों ने टीम को निगरानी के लिए लगाया था। उस समय चिकित्सकों ने बाघ की स्थिति सामान्य बताई थी। इधर, करीब दस दिन पूर्व लंगड़ाकर चलने वाले बाघ की दोबारा वीडियो वायरल हुई। जिसमें पैर की स्थिति ज्यादा खराब नजर आ रही थी।
डीएफओ मनीष सिंह ने मामले को गंभीरता से लेकर चार टीमों को निगरानी के लिए लगाया। कैमरों की मदद से भी निगरानी कराई गई। बाघ को पकड़ने की अनुमति मिलने के बाद टीम उसे पकड़ने की कोशिश में लग गई। रविवार सुबह बाघ बख्शी के तालाब क्षेत्र से जंगल से बाहर मल्लपुर गांव की सीमा में पहुंचा।
जानकारी के बाद वन विभाग की टीमें निगरानी में जुट गईं। डीएफओ मनीष सिंह ने मौके पर पहुंचकर बाघ की स्थिति को परखा। 12 बजे लंगड़ाकर चलने वाले बाघ की पुष्टि हुई। तीन बजे पशु चिकित्सक डॉ. दक्ष गंगवार मौके पर पहुंचे। करीब ढाई घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद बाघ को बेहोश कर पकड़ लिया गया। पिंजरे में कैदकर बाघ को वाहन से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। यहां डीएफओ, बायोलाजिस्ट लवप्रीत सिंह के अलावा डब्ल्यूटीआई की टीम नजर बनाए हुए है।