मैनपुरी में दो घंटे तक गोद में बच्ची को लेकर चीखते हुए भटकती रही मां, नहीं मिला इलाज; गायब रहे डॉक्टर

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में स्वास्थ्य विभाग लगातार बेहतर उपचार की व्यवस्थाओं का दावा कर रहा है। लेकिन, चिकित्साधीक्षक और डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के दावों की हवा निकालते दिख रहे हैं। मंगलवार को घिरोर थाना क्षेत्र की सीएचसी गोधना पर दो घंटे तक 14 माह की बच्ची को गोद में लेकर एक महिला घूमती रही लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। सीएचसी पर 10 बजे तक डॉक्टर के न पहुंचने के कारण अन्य मरीज भी परेशान रहे।

बिहार प्रदेश की रहने वाली महिला बसंती देवी अपने पति बसंत के साथ घिरोर क्षेत्र के एक भट्ठे पर रहकर मजदूरी करती है। मंगलवार को अचानक बसंती की 14 माह की पुत्री अंजली की तबीयत खराब हुई तो वह कस्बा में प्राइवेट अस्पताल में पहुंची। यहां गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टर ने सीएचसी गोधना पर भेज दिया।

सीएचसी गोधना पर महिला आठ बजे से 10 बजे तक बीमार बच्ची को गोद में लेकर एक कमरे से दूसरे कमरे का चक्कर काटती रही लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी दिख रही थी। अस्पताल की प्रयोगशाला, कोल्ड चैन में भी 10 बजे तक ताला पड़ा था।

मां का विलाप सुन ओटी टेक्नीशियन ने लगाई ऑक्सीजन

मां का विलाप सुनकर यहां मौजूद ओटी टेक्नीशियन पुष्पेंद्र कुमार ने बच्ची को अंदर ले जाकर ऑक्सीजन लगाई और एंबुलेंस बुलाकर बच्ची को मेडिकल कॉलेज सैफई के लिए रेफर कराया।

चेतावनी के बाद भी नहीं सुधर रही स्थिति

सीएचसी गोधना पर पूर्व में सीएमओ और अन्य अधिकारियों को भी चिकित्सकों की लापरवाही मिली थी। लेकिन, यहां तैनात चिकित्सक अधिकारियों की चेतावनी से नहीं डरते वे लगातार लापरवाही कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।

सीएमओ डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि यह समय स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण है। इस समय में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएचसी गोधना की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।