मैनपुरी में पुरुष वर्ग में महाराणा प्रताप एकेडमी और महिला में एसएसबी बनी विजेता

मैनपुरी में 72वीं यूपी स्टेट वॉलीबाल चैंपियनशिप का सोमवार को समापन हो गया। विजेता डा. एनडी शर्मा ट्राफी पर पुरुष वर्ग में महाराणा प्रताप एकेडमी लखनऊ और महिला वर्ग में एसएसबी ने कब्जा किया। पुरुष में यूपी पुलिस और महिला में महाराणा प्रताप एकेडमी ने तीसरे स्थान की ट्राफी हासिल की। पुरुस्कार वितरण जिला सहकारी बैंक फिरोजाबाद के अध्यक्ष अतुल प्रताप सिंह ने किया। सोमवार को क्रिश्चियन मैदान में चल रही 72वीं यूपी स्टेट सीनियर वॉलीबाल चैंपियनशिप के फाइनल और तृतीय स्थान के लिए मैच खेले गए। पुरुष वर्ग के फाइनल मुकाबले में महाराणा प्रताप एकेडमी लखनऊ ने एसएसबी को सीधे सेटों में 25-17, 25-18, 25-17 के अंतर से पराजित कर विजेता ट्राफी पर कब्जा जमाया।

महिला वर्ग के फाइनल में एसएसबी ने यूपी पुलिस को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 25-20, 25-22, 19-25, 19-25, 15-8 से परास्त कर विजेता ट्राफी प्राप्त की।

तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में पुरुष वर्ग में यूपी पुलिस ने देवरिया हॉस्टल को सीधे सेटों में 25-16, 25-18, 25-18 से और महिला वर्ग में महाराणा प्रताप एकेडमी ने सुल्तानपुर को 25-11, 22-25, 25-17, 25-13 से पराजित कर तीसरा स्थान प्राप्त किया।

समापन अवसर पर फिरोजाबाद के जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अतुल प्रताप सिंह ने विजेता, उप विजेता और तृतीय स्थान पाने वाली टीमों को डा. एनडी शर्मा ट्राफी और पुरस्कार प्रदान किए। श्रेष्ठ खिलाड़ी, रेफरी, यूपी वॉलीबाल एसोसियेशन के पदाधिकारी और विशेष सहयोगियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। स्वागताध्यक्ष अनुपम गुप्ता और प्रतियोगिता सचिव उदय चौहान ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों को बुके और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस दौरान यूपी वॉलीबाल एसोसियेशन के महासचिव सुनील तिवारी, संयोजक आलोक गुप्ता, पूर्व विधायक अशोक चौहान, शिवदत्त भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी, अरविंद तोमर, आयोजन सचिव प्रदीप चौहान, राघवेंद्र दुबे, घनश्यामदास गुप्ता, डा. राकेश गुप्ता, राजू चौहान, अमित गुप्ता, अजय भदौरिया आदि मौजूद रहे। संचालन डा. इंद्रवीर सिंह ने किया।

वर्ष 1986 में जिले में पहली बार यूपी स्टेट सीनियर वॉलीबाल चैंपियनशिप और कई बार स्टेट वॉलीबाल प्रतियोगिता आयोजित करने वाले गजेंद्र सिंह चौहान को विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया। अतुल प्रताप, अनुपम गुप्ता और प्रदीप चौहान ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।