फर्रुखाबाद:विश्व हीमोफीलिया दिवस (17 अप्रैल) पर विशेष ,अनुवांशिक रोग है हीमोफीलिया – डॉ दलवीर



फर्रुखाबाद: हीमोफिलिया एकअनुवांशिक बीमारी है।इसमें शरीर से लगातार रक्तस्राव होता है। हीमोफिलिया मरीज को चोट लगने पर खून अपने आप बहना बंद नहीं होता और न ही शरीर में ऐसे तंत्र काम करेंगे जो खून को बहने से रोकने में सक्षम हों। इस बीमारी का शिकार ज्यादातर पुरुष होते हैं। महिलाओं में यह बीमारी कम पाई जाती है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का |
डॉ सिंह ने कहा कि इस रोग का एककारण रक्त मेंप्रोटीन की कमी होती है, जिसे ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ कहा जाता है। इस फैक्टर की विशेषता यह है कि यह बहते हुए रक्त के थक्के जमाकर उसका बहना रोकता है।हीमोफीलिया दो प्रकार का होता है। इनमें से एक हीमोफीलिया ‘ए’ और दूसरा हीमोफीलिया ‘बी’ है। हीमोफीलिया ‘ए’ सामान्य रूप से पाई जाने वाली बीमारी है। इसमें खून में थक्के बनने के लिए आवश्यक ‘फैक्टर 8’ की कमी हो जाती है। हीमोफीलिया ‘बी’ में खून में ‘फैक्टर 9’ की कमी हो जाती है।
इस सम्बन्ध में सिविल अस्पताल लिंजीगंज में तैनात मेडिकल आफीसर डॉ ऋषि नाथ गुप्ता का कहना है कि हीमोफीलिया ग्रसित व्यक्ति की हालत काफी कमजोर होती है। किसी दुर्घटना में चोट लगने के कारण उसकी जान भी जा सकती है क्योंकि खून बहना बंद ही नहीं होता है।व्यक्ति को इसके प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
डॉ ऋषि का कहना है कि हीमोफीलिया के रोगी के जोड़ो में सूजन के साथ अक्सर दर्द का होना असल में उसके जोड़ में आन्तरिक रक्तस्राव होना है | यदि यह सूजन या आन्तरिक रक्तस्राव जोड़ो में बार-बार होता है तो वह जोड़ों को विकृत बना देता है और उस जोड़ को बेकार कर देता है। इसका इलाज तुरन्त अथवा जल्द से जल्द होना अति आवश्यक है।डॉ गुप्ता ने बताया कि पांच से दस हजार पुरुषों में से किसीएक के हीमोफीलिया ‘ए’ ग्रसित होने का खतरा रहता है जबकि 20,000 से 34,000 पुरुषों में से एक के हीमोफीलिया ‘बी’ ग्रसित होने का खतरा रहता है।
यहहैंहीमोफिलियाकेलक्षण
मांसपेशियों एवं जोड़ों में रक्त स्राव या दर्द होना।नाक से लगातार खून निकलना।त्वचा काआसानी से छिल जाना।शरीर पर लाल, नीले व काले रंग के गांठदार चकत्ते ।सूजन, दर्द या त्वचा गरम हो जाना।चिड़चिड़ापन, उल्टी, दस्त, ऐठन, चक्कर, घबराहटआदि।
हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है यह दिवसवर्ष1989 में विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत की गई। तब से हर साल ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया ‘ (डब्ल्यूएफएच) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल के जन्मदिन 17 अप्रैल के दिन विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। फ्रैंक की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी। डब्ल्यूएफएच एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो इस रोग से ग्रसित मरीजों का जीवन बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है।