ईरान के हमले के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जांच की मांग की जा रही

इजराइल पर ईरान के हमले के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जांच की मांग की जा रही है। मूवमेंट फॉर क्वालिटी गवर्नमेंट नाम की एक संस्था ने नेतन्याहू पर अरबपति दोस्त के बंगले पर रहने के आरोप लगाए हैं।
दरअसल, हमास के हमले के बाद नेतन्याहू अपने अमेरिकी दोस्त सिमॉन फेलिक के आलीशान बंगले में रहे थे। इजराइल में किसी भी पब्लिक सरवेंट के लिए ये गैरकानूनी है कि वो महंगे गिफ्ट्स स्वीकार करे। नेतन्याहू के अरबपति दोस्त के बंगले पर ठहरने को महंगा गिफ्ट बताया जा रहा है।
नेतन्याहू के लीगल एडवाइजर हिदाई नेगेव ने इस मामले को लेकर अटॉर्नी जनरल गली बहाराव-मियारा और श्लोमित बार्निया-फरगो को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि नेतन्याहू का विदेशी दोस्त के घर ठहरना गैरकानूनी माना जा सकता है। इसी आधार पर मामले की जांच की मांग की गई है। नेगेव के मुताबिक नेतन्याहू ने पब्लिक का पैसा अपने लिए तीन बंगलों पर खर्च किया।
नेतन्याहू और उनकी फैमिली अक्टूबर 2023 से दोस्त सिमॉन फेलिक के आलीशान बंगले में रह रहे हैं। शेफ समेत उनका तमाम पर्सनल स्टाफ भी यहीं है। हालांकि, इजराइली संविधान और कानून इसकी कतई इजाजत नहीं देता।
मूल रूप से फेलिक कट्टर यहूदी हैं और उनके पास अमेरिकी नागरिकता है। ‘ड्यूटी फ्री अमेरिकाज’ के चेयरमैन हैं। इस कंपनी के ड्यूटी फ्री स्टोर्स दुनिया में करीब 200 एयरपोर्ट्स पर हैं। इसके अलावा वो एक बड़ी वाइन फैक्टी के मालिक हैं। इसको लेकर 2019 में बड़ा विवाद हुआ था। तब यूरोपीय यूनियन ने प्रोडक्ट्स मार्क को लेकर इस पर केस कर दिया था।
फेलिक के साथ एक विवाद और जुड़ा और तब वो पहली बार वर्ल्ड मीडिया की हेडलाइन्स में आए। दरअसल, उस वक्त दावा किया गया था कि फेलिक ने वेस्ट बैंक की उन बस्तियों में इन्वेस्टमेंट किया है, जिन पर इजराइल ने गैरकानूनी तौर पर कब्जा किया और वहां रहने वाले फिलिस्तीनियों को निकाल दिया। इसी साल की शुरुआत में इजराइल सरकार ने उन्हें ‘यरूशलम अवॉर्ड फॉर डेवलपमेंट’ से नवाजा था।
कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि वो फेलिक फैमिली नेतन्याहू की पार्टी को चंदा भी देती है। फेलिक फैमिली के अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ दोस्ताना और कारोबारी रिश्ते भी हैं। नेतन्याहू पर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने फेलिक और कुछ दूसरे अमीर कारोबारियों से महंगे तोहफे लिए। इसके अलावा विपक्ष में रहते हुए वो पर्सनल फॉरेन ट्रिप्स पर गए और इसका खर्च इन्हीं कारोबारियों ने उठाया।