बजट 2020 : देश की इकोनॉमी को मिलेगी नई दिशा

उद्योग जगत का मानना है कि बजट 2020 बहुत अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि CSO ने अपने आंकड़े में कहा है कि चालू वित्त वर्ष में देश की GDP Growth Rate पांच फीसद के आसपास रह सकती है। PHD Chamber के अध्यक्ष डीके अग्रवाल ने Budget Expectation 2020 पर बात करते हुए कहा कि इस समय में घरेलू मांग बढ़ाने के लिए Individual Income Tax में कटौती की जरूरत है। उन्होंने इकोनॉमी की सुस्ती को दूर करने के लिए लिक्विडिटी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। 

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश की इकोनॉमी 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की हो। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेज वृद्धि बहुत जरूरी है। इस दिशा में खपत को बढ़ाना और खासकर ग्रामीण स्तर पर डिमांड की बढ़ोत्तरी सबसे अधिक जरूरी है। अग्रवाल ने सुझाव दिया कि घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए पूंजीगत व्यय, ग्रामीण इलाकों में खर्च को बढ़ाना होगा। मनरेगा के तहत आबंटन बढ़ाए जाने की जरूरत है। 

किसान सम्मान के तहत दी जाए अग्रिम किस्त

अग्रवाल ने कहा कि किसान सम्मान निधि के तहत अग्रिम किस्त दी जानी चाहिए, इससे डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में कमी के बावजूद व्यक्तिगत आयकर में कटौती की जानी चाहिए। पांच लाख तक की कमाई को कर छूट से बाहर कर देना चाहिए एवं दस लाख रुपये तक की कमाई पर कर की दर 10 फीसद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डिमांड बढ़ाने की कोशिश में अगर राजकोषीय घाटा लक्ष्य से 40-50 बेसिस प्वाइंट भी आगे निकल जाता है तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह प्राथमिकता विकास दर को गति देने की है।

MSME सेक्टर समावेशी विकास का ग्रोथ इंजन

बकौल अग्रवाल देश का MSME सेक्टर समावेशी विकास का ग्रोथ इंजन है। ऐसी कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का पूरा लाभ नहीं मिला है, ऐसे में इस सेक्टर को बूस्ट एवं लेवल प्लेइंग फील्ड देने के लिए कदम उठाने होंगे। 

इस साल बेहतर रहेगी इकोनॉमी

अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि इस साल देश की इकोनॉमी की हालत में सुधार होगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर में कुछ संकेतक सामने आए हैं। उन्होंने कहा, ”मुझे कुछ सकारात्मक चीजें दिखने लगी हैं। मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई (Manufacturing PMI) और सर्विस पीएमआई (Service PMI) के आंकड़े बेहतर हुए हैं। मारुति सुजुकी की कमाई के आंकड़े बेहतर हुए हैं। सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का असर इस साल दिखेगा और वित्त वर्ष 2020-21 में इकोनॉमी बेहतर रहेगी।”