यूँ तो बरेली के सभी लोकल एरिया आवारा पशुओं से बेइन्तहा परेशान हैं।,जहां और जिस फसल में निकल जाते हैं।किसानों की हाहाकार ही सुनाई देती है, आंवला तहसील क्षेत्र के गावो की बात करें तो,यहां सैकड़ो आवारा पशुओं के झुंड हैं।जिनसे फसलो की बर्बादी खूब हो जाती है,किसान पहले पशुओं की चोरी से परेशान था अब किसान आवारा पशुओं से परेशान है।किसान को जरा भी सुकून नही है,एक तरफ सरकार बड़े बड़े दावो के बल पर अपनी बढाई कर रही है,गौशाला बनवाने की बात कर रही है पर कहीं गौशाला बन गयी है,तो उनमें पशु नही है,और कुछ अधूरी पड़ी हैं,अब आवारा पशुओ को अच्छे से घूमने का आनंद मिल रहा है।सरकार को चाहिए जो अधूरी गौशाला पड़ी हैं उन्हें पूरी कराए