सत्रहवीं लोकसभा में गुरुवार को देर रात करीब 12 बजे तक चले निचले सदन ने अपनी शुरुआत में ही देर रात तक कामकाज करने का रिकॉर्ड बना लिया है। हालांकि, पहले भी तीन मौकों पर ऐसा हुआ है जब सदन एक दिन शुरू होने के बाद अगले दिन सुबह तक चला हो।
ऐसा सर्वकालिक रिकॉर्ड 1997 में देश की आजादी के स्वर्ण जयंती वर्ष में विशेष सत्र में 25 अगस्त से एक सितंबर तक सदन चलने पर बना। जबकि सदन 27 जुलाई को सुबह 11 बजे से 28 जुलाई को सुबह पांच बजकर 39 मिनट तक व 30 अगस्त को सुबह 11 बजे से एक सितंबर सुबह आठ बजकर 24 मिनट तक चला। सामान्य सत्र में दो मौके ऐसे आए (दोनों रेल बजट) जब सदन अगले दिन सुबह तक चला।
मौजूदा लोकसभा में लोकसभा की कार्यवाही 11 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात 11 बजकर 58 मिनट तक चली। यह इस लोकसभा का रिकॉर्ड है। अब चूंकि रेल बजट अलग नहीं होता है, इसलिए इस बार रेल मंत्रालय पर चर्चा ने रिकॉर्ड बनाया।
पासवान-नीतीश के बनाए थे रिकॉर्ड :इससे पहले, रेल बजट पर चर्चा के दौरान 25 जुलाई 1996 को सदन की कार्यवाही सुबह सात बजकर 17 मिनट तक चली थी। उस समय लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा थे, जबकि रेल मंत्री रामविलास पासवान थे। इसके बाद 8-9 जून 1998 में भी यह स्थिति बनी जबकि रेल बजट पर चर्चा अगले दिन सुबह तक जारी रही। उस दौरान लोकसभा अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी व रेल मंत्री नीतीश कुमार थे।
संगमा के कार्यकाल में दो बार आया मौका :
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के कार्यकाल में अगले दिन तक सदन चलाने का मौका दो बार आया। 1996 के रेल बजट एवं 1997 में आजादी के स्वर्ण जयंती वर्ष में विशेष सत्र के दौरान। विशेष सत्र में सदन 27 अगस्त को शुरू होकर 28 अगस्त सुबह पांच बजकर 39 मिनट तक एवं 30 अगस्त को सुबह 11 बजे से एक सितंबर को सुबह आठ बजकर 24 मिनट तक चला।