पीलीभीत में तराई अब पूरी तरह से ठंड की चपेट में है। जनमानस के साथ ही बेजुबानों को भी ठंड सता रही है। अफसरों का दावा है कि गो-आश्रय स्थलों पर पशुओं को ठंड से बचाने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
जब कुछ गो-आश्रय स्थलों की पड़ताल की गई तो यह दावे धरातल पर अधूरे दिखे। हालत यह थे कि कहीं पर महज एक त्रिपाल पशुओं को ठंड से बचाने के लिए मौजूद था तो कहीं पर एक भी नहीं। केयरटेकर ने बताया कि उनकी तरफ से मांग काफी समय पहले ही भेज दी गई थी। हालांकि पशुओंं के लिए भूसा और चोकर की व्यवस्था ठीक मिली।
कलीनगर। नगर पंचायत में स्थित गोआश्रय स्थल पर ठंड के इंतजाम नाकाफी हैं। यहां दो टिनशेड में करीब 167 गोवंश बंधे हैं। ठंड से बचाव के लिए एक टिनशेड में त्रिपाल की व्यवस्था थी, जबकि दूसरे में नहीं। दूसरे टिनशेड में करीब 50 से अधिक गोवंश बंधे हैं। नाद में सूखी पोआल पड़ी थी। आश्रय स्थल पर मौजूद खुद को केयरटेकर बताने वाले राजेंद्र भारती से चोकर आदि की जानकारी की गई तो महज 10 कट्टे होने का दावा किया। बताया कि टिनशेड पर मवेशियों को ठंड से बचने के लिए त्रिपाल की मांग कर रखी है।
बीसलपुर : ठंड से बचाने के नहीं दिखे इंतजामबीसलपुर। नगर के गोआश्रय स्थल में 97, घटगवां में 80, राजूपुर में 55, खनंका के गोआश्रय में 33, बिहारीपुर कुमरिखा में 33, भड़रिया में 31, और सायर के गोआश्रय स्थल पर 35 पशु हैं। इनमें अधिकांश गोआश्रय स्थल पर पशुओं को ठंड से बचाने के कोई इंतजाम नहीं मिले। हालांकि चारे की व्यवस्था ठीक मिली। केयरटेकर ने बताया कि पिछले दिन निरीक्षण को अधिकारी आए थे, उनसे त्रिपाल की व्यवस्था करने को कहा गया था।
न्यूरिया : नगर पंचायत में टनकपुर हाईवे पर स्थित कान्हा गोआश्रय स्थल पर पशुओं की संख्या 140 है। पशुओं को ठंड से बचाव के लिए हवा से बचाव के लिए त्रिपाल लगाया हुआ है। यहां साफ-सफाई भी ठीक मिली। जानवरों के लिए भूसा, हरा चारा के अलावा खल, चोकर, काला नमक और गुड़ मौजूद मिला। यहां पर देखरेख के लिए सात लोगों का स्टाफ है।
बिलसंडा। नगर पंचायत द्वारा अस्थायी रूप से गोआश्रय संचालित किया जा रहा है। केयर टेकर सूरज ने बताया कि गोआश्रय स्थल में मौजूदा समय में 54 पशु हैं। भूसा व चारे की व्यवस्था ठीक है, लेकिन पशुओं को ठंड से बचाने के लिए त्रिपाल नहीं है।
पूरनपुर : ठंड में टिनशेड के नीचे ही बंधे रहते हैं पशुपूरनपुर। नगर पालिका की पानी की टंकी परिसर में चल रहे अस्थायी गोआश्रय स्थल में 25 पशु रखे गए हैं। परिसर में ही गोबर का ढेर लगा हुआ है। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए टिनशेड को रात में त्रिपाल से ढका जाता है। धूप में बांधने के लिए पशुओं के लिए पर्याप्त जगह न होने पर पशु दिन रात टिनशेड के नीचे ही बंधे रहते हैं।
बीसलपुर के घटगवां गोआश्रय स्थल पर पशुओं के लिए चारे भूसे की तो व्यवस्था है, लेकिन ठंड से बचाने की अभी कोई व्यवस्था नहीं। -योगेश कुमार, केयर टेकर
नगर पंचायत कलीनगर में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए त्रिपाल नहीं है। वहां पर पशुओं के लिए भूसा और चोकर आदि की व्यवस्था है। त्रिपाल के लिए मांग की गई है।-राजेंद्र भारती
खास बात
कुल गोआश्रय स्थल-56
वृहद गोआश्रय स्थल – 03
निर्माणाधीन गोआश्रय स्थल- 19
गोआश्रय स्थलोंं पर पशुओं को ठंड से बचाने के लिए त्रिपाल की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। साथ ही पशुओं के लिए बोरे की झूल बनाने के लिए भी कहा गया है। जहां नहीं हैं, वहां दिखवाकर व्यवस्था कराई जाएगी।- डॉ. अरविंद कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी