नामांतरण के नाम पर आवंटी से पैसा लेने वाला एलडीए का भ्रष्टाचारी बाबू निलंबित हो गया है। एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी के आदेश के बाद उसको निलंबित कर दिया है। अरविंद कश्यप पर नामांतरण के नाम पर आवंटी से अनर्गल रूप से धन उगाही करने तथा सम्पत्ति की फाइलों से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब करके आवंटियों का कार्य प्रभावित करने का आरोप है।
इसके संबंध में आवंटियों द्वारा जनता अदालत समेत विभिन्न फोरम में शिकायत भी की गयी थी। उपाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाबू को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि आवंटी चेतन सक्सेना द्वारा कनिष्ठ लिपिक अरविंद कश्यप के खिलाफ शिकायत की गयी थी।
चेतन सक्सेना के मुताबिक अरविंद ने जानकीपुरम योजना के सेक्टर-जी स्थित भवन संख्या एलआईजी-45 का नामांतरण कराने के नाम पर उनसे ऑनलाइन म्यूटेशन फीस जमा कराने के साथ ही पूरा काम कराने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की थी। आरोप है कि बतौर पेशगी 10 हजार रुपए वसूलने के बाद भी अरविंद कश्यप ने उनका काम नहीं करवाया। जांच में पाया गया कि तत्समय के कार्य विभाजन के अनुसार अरविंद कश्यप द्वारा सेक्टर-जी का कार्य देखा भी नहीं जा रहा था। इसके बावजूद अरविंद कश्यप ने चेतन सक्सेना को अनर्गल रूप से उनका काम कराने का झांसा देकर धन उगाही की।
इसके अलावा अरविंद कश्यप द्वारा सम्पत्ति की फाइलों से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब करने की शिकायतें भी प्राधिकरण दिवस, जनता अदालत समेत विभिन्न फोरम में प्राप्त हो रही थीं। जिससे आवंटियों का कार्य प्रभावित हो रहा था और प्राधिकरण की छवि धूमिल हो रही थी। उक्त शिकायतों पर विशेष कार्याधिकारी देवांश त्रिवेदी को प्रारंभिक जांच सौपीं गयी थी। इसमें प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर उपाध्यक्ष डॉक्टर इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कनिष्ठ लिपिक अरविंद कश्यप को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रकरण में विशेष कार्याधिकारी प्रिया सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्हें 15 दिन में विस्तृत जांच करके रिपोर्ट देनी होगी।
आवंटी से पैसा लेने वाला एलडीए का भ्रष्टाचारी बाबू निलंबित हो गया
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