पीलीभीत में खरीफ 2023-24 की फसलों की बुवाई व रोपाई के समय मुख्यतया फॉस्फेटिक उर्वरकों डीएपी, एनपीके एवं एसएसपी का प्रयोग किया जाता है। शासन ने भरपूर मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के निर्देश जिला कृषि अधिकारी को दिए हैं। किसानों की सुविधा के लिए दुकानदारों को भी तय से अधिक दाम पर खाद न बेचने की हिदायत दी है।
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने निर्देश दिए हैं कि उर्वरकों की बिक्री करते समय जोत बही व खतौनी देखकर उसमें अंकित भूमि के अंश एवं उगाई जाने वाली फसल की निर्धारित संस्तुतियों के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से ही खाद की बिक्री की जाए। उर्वरक बेचते समय उसका विवरण विक्रय रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य है।
विवरण में किसान की जोत बही अथवा खतौनी एवं बोई जाने वाली फसल का विवरण भी अंकित किया जाएगा। उर्वरक वितरण रजिस्टर का सत्यापन कृषि विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारी समय समय पर निरीक्षण करेंगे। कृषि अधिकारी का कहना है कि यदि उर्वरक विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करते पाए गए जाता तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस हिसाब से मिलेगी खाद
धान के लिए डीएपी एक बोरी, यूरिया दो बोरी, एमओपी एक बोरी प्रति एकड़ एवं एनपीके डेढ़ बोरी, यूरिया दो बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़। गेहूं के लिए डीएपी एक बोरी, यूरिया दो बोरी, एमओपी आधा बोरी बैग प्रति एकड़ एवं एनपीके डेढ़ बोरी, यूरिया दो बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़। सरसों के लिए डीएपी पौन बोरी, यूरिया सवा बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़ एवं एनपीके एक बोरी, यूरिया एक बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़। आलू के लिए डीएपी एक बोरी, यूरिया साढ़े तीन बोरी, एमओपी एक बोरी प्रति एकड़ एवं एनपीके डेढ़ बोरी, यूरिया साढ़े तीन बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़।गन्ना के लिए डीएपी एक बोरी, यूरिया साढ़े तीन बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़ एवं एनपीके डेढ़ बोरी, यूरिया साढ़े तीन बोरी, एमओपी आधा बोरी प्रति एकड़।