फर्रुखाबाद ,15 जुलाई 2023 जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गुरुवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। आयोजन के दौरान टीबी, फाइलेरिया और कुष्ठ के मरीजों को चिन्हित कर तत्काल इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई। ओपीडी में आने वालों में से 10 प्रतिशत मरीजों की स्क्रीनिंग की गई और सभी को क्षय, कुष्ठ, फाइलेरिया, कालाजार और चिकिनगुनिया के बारे में जागरूक किया गया l
इसके तहत आर पी मेमोरियल हॉस्पिटल में भागीरथी जनकल्याण समिति द्वारा शनिवार को 6 टीबी रोग से ग्रसित लोगों को गोद भी लिया गया | गोद लिए हुए रोगियों को उनके पोषण के लिए गुड़, चना, सत्तू, तिल, गजक, बोर्नवीटा फल आदि दिया गया | इस दौरान सिविल अस्पताल लिंजिगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुल चतुर्वेदी,संस्था के संरक्षक डॉ सोमनाथ गुप्ता,सदस्य किशन यादव, राम मोहन मिश्र, वरुण पांडे, नितिन शुक्ल आदि मौजूद रहे l
भागीरथी जनकल्याण समिति के सदस्य डॉ ऋषि नाथ गुप्ता ने बताया कि समिति द्वारा अभी तक लगभग 60 टीबी रोगियों को गोद लिया जा चुका है l वर्ष 2020 में पहली बार 5 रोगियों को गोद लिया गया था l उन्होंने कहा कि कोई भी देश या समाज तभी उन्नति कर सकता है जब वहाँ लोग स्वस्थ हों | इसलिए हम सभी को अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देना चाहिए । टीबी के कई मरीज़ अपने विशेष खानपान का ध्यान रखने में असमर्थ होते हैं । इसलिए हमारी समिति उनके लिए यह ज़िम्मेदारी निभा रही है| हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि इन रोगियों को नियमित दवा और जांच के लिए प्रेरित करें । साथ ही टीबी मरीजों को हर महीने मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, सोयाबीन, समेत न्यूट्रिशिनल सप्लीमेन्ट मिलता रहे।
गोद ली गई कांसीराम कालोनी निवासी 16 वर्षीय बदला नाम राधा के पिता राजबहादुर ने बताया – मेरी बिटिया को गत तीन माह से खांसी और बुखार आ रहा था । काफ़ी इलाज कराया पर कोइ आराम नहीं मिला । तब 15 दिन पहले ज़िला टीबी अस्पताल फतेहगढ़ में दिखाया तो बलगम जांच में क्षय रोग निकला है। अब उसका सही इलाज शुरु हो पाया है । आज उसको डॉ. ऋषि नाथ द्वारा खाने पीने की वस्तुएं दी गई हैं । मैं गरीब आदमी इनको नहीं दिला सकता था l इस बात की खुशी है कि जब सब लोग मेरा इतना साथ देंगे तो मेरी बिटिया जल्दी ही स्वस्थ हो जायेगी l
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने बताया कि भागीरथी जनकल्याण समिति एक सक्रिय निक्षय मित्र के रूप में क्षय उन्मूलन में मदद कर रही है।समिति ने वर्ष 2020 से अब तक कुल 60 टीबी मरीजों को गोद लिया है। इनमें 34 महिलाएं और 26 बच्चे भी शामिल हैं। सभी रोगी शहरी क्षेत्र के हैं और आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों से हैं। टीबी जैसी बीमारी में जितनी महत्वपूर्ण दवा है उतना ही पौष्टिक आहार भी है क्यूंकि इसी से रोगी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, दवाओं का अच्छा असर होता है और रोगी जल्दी स्वस्थ हो पाता है। ऐसे में भागीरथी जनकल्याण समिति का योगदान जनपद को टीबी मुक्त बनाने में मददगार साबित होगा ।
उन्होंने कहा कि टीबी रोग लाइलाज नहीं है, लेकिन इसे छुपाने से यह गंभीर हो सकती है और साथ ही रोगी अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी संक्रमित कर सकता है| ज्यादा गंभीर स्थिति में रोगी की मृत्यु भी हो सकती हैl
इसलिए अगर टीबी के लक्षण प्रतीत हों तो उन्हें छिपाएं नहीं, बल्कि समय रहते अपना इलाज कराएँ और डाक्टर द्वारा दी गई दवा और सलाह को मानें | किसी को अगर टीबी रोग हो गया है तो उससे भेदभाव न करें, बल्कि उसका मनोबल बढाएं जिससे वह पूरा इलाज लेकर स्वस्थ हो सके|
इस माह 60 टीबी मरीजों की मदद के लिए निक्षय मित्रों ने बढ़ाया हाथ –
क्षय रोग विभाग से जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में इस समय 2726 लोग क्षय रोग से ग्रसित हैं l जिसमें से अभी तक इस वर्ष 987 मरीज विभिन्न संस्थाओं और अधिकारीयों द्वारा गोद लिए जा चुके हैं l इस माह अभी तक विभिन्न लोगों द्वारा 60 क्षय रोगी गोद लिऐ जा चुके हैं l