हॉलीवुड की सबसे कामयाब एक्ट्रेसेस में से गिनी जाने वाली जीन हार्लो के जीवन की अनसुनी दास्तान, जानिये

1930 के दौर की जीन हार्लो को आज भी हॉलीवुड की सबसे कामयाब एक्ट्रेसेस में गिना जाता है। कारण, 26 की उम्र में 32 हिट फिल्में। उस दौर में जब अमेरिका ग्रेट डिप्रेशन से गुजर रहा था, जीन हार्लो MGM स्टूडियो की सबसे चहेती एक्ट्रेस रहीं।

26 की उम्र तक उन्होंने 3 शादियां कीं, एक अफेयर भी रहा। इसी समय उनकी कई बीमारियों की वजह से मौत हो गई। इतनी कम उम्र में भी हार्लो ने हॉलीवुड में अपनी वो छाप छोड़ी कि अमेरिका में उनका एक म्यूजियम बनाया गया। जहां उनकी सारी चीजें सहेज कर रखी हुई हैं। उनका वो बिस्तर भी वैसा ही रखा हुआ है, जिस पर जीन सोया करती थीं
जीन हार्लो का जन्म 3 मार्च 1911 को अमेरिका के कैनसस सिटी में मोंटक्लेयर कारपेंटर (डेंटिस्ट) और जीन पो कारपेंटर के घर हुआ। हार्लो के मां-बाप की शादीशुदा जिंदगी कुछ खास अच्छी नहीं चल रही थी, उसके बावजूद वो साथ रह रहे थे। हार्लो को बचपन से ही ‘बेबी’ नाम से पुकारा जाता था। 5 साल की उम्र तक उन्हें पता ही नहीं था कि उनका असली नाम हार्लो है। बाद में जब वो फिल्मों में आईं तो अपने नाम के आगे मां का नाम जीन जोड़ लिया और बन गईं जीन हार्लो।

हार्लो की पढ़ाई जैसे ही खत्म हुई, उनके पेरेंट्स का तलाक हो गया। वो हमेशा से अपनी मां के ज्यादा करीब थीं, तो तलाक के बाद हार्लो की कस्टडी भी मां को मिल गई। हालांकि, वो अपने पिता से भी बहुत प्यार करती थीं, लेकिन तलाक के बाद पिता से मिलने का उन्हें मौका नहीं मिला।
32 साल की उम्र में मां जीन बेटी हार्लो को लेकर हीरोइन बनने की चाहत में हाॅलीवुड चली गईं। हालांकि उन्हें फिल्मों में काम नहीं मिला। वजह बताई गई कि उनकी उम्र अधिक है, इसलिए वो एक्ट्रेस नहीं बन सकतीं। वहां के लोगों ने उन्हें सुझाव दिया था कि बेटी हार्लों का चेहरा फोटोजेनिक है, तो वो फिल्मों के लिए भविष्य में कोशिश कर सकती हैं।

इसके बाद मां ने हार्लो का एडमिशन हॉलीवुड स्कूल फॉर गर्ल्स में करा दिया, लेकिन कुछ कारणवश बीच में उन्हें पढ़ाई अधूरी छोड़नी पड़ी। फिर उन्होंने एक दूसरे स्कूल में एडमिशन लिया। मां हार्लो को रोज स्कूल भेजती थीं क्योंकि स्कूल के पास में ही उनके बॉयफ्रेंड का घर था। जब हार्लो स्कूल चली जाती थीं, तो मां जीन पूरा वक्त अपने बॉयफ्रेंड के साथ बितातीं।
इसी दौरान हार्लो की मुलाकात 19 साल के मैकग्रे से हुई। दोनों ने लंबे समय तक डेटिंग की, फिर 1927 में शादी कर ली। इसी वक्त हार्लो की मां ने भी दूसरी शादी की, लेकिन वो उस शादी में शामिल नहीं हुई थीं। शादी के बाद पति के साथ हार्लो लॉस एंजिल्स चली गईं। अमीर होने की वजह से ना तो हार्लों काम करती थीं, ना ही उनके पति। बस दोनों दिन रात शराब के नशे में डूबे रहते थे।
यहीं रहने के दौरान हार्लो की दोस्ती रोजली राॅय से हुई। हार्लो उन्हें ड्राइव करके अक्सर फाॅक्स स्टूडियो ले जाती थीं, जहां रोजली फिल्म का ऑडिशन देने जाया करती थीं। इस दौरान स्टूडियो के एक्जीक्यूटिव की नजर हार्लो पर पड़ी और उन्होंने फिल्मों में काम करने के लिए अप्रोच किया, लेकिन हार्लो ने मना कर दिया।

जब ये बात उन्होंने अपनी मां को बताई, तब उन्होंने हार्लो को ऑडिशन के लिए फोर्स किया। शुरुआती ऑडिशन में उन्हें रिजेक्शन मिला, लेकिन मां के दबाव में वो स्टूडियो में छोटा-मोटा काम करने लगीं। स्टूडियो में काम करने के दौरान उन्हें पहली बार फिल्म ऑनर बाउंड (1928) में काम करने का मौका मिला।
इसके बाद हार्लो शाॅर्ट फिल्मों में काम करने लगीं। उनकी एक्टिंग लोगों को बहुत पसंद आने लगी, जिससे उनके करियर में ग्रोथ तो देखने को मिली, लेकिन उनकी शादीशुदा जिंदगी पर इसका गलत असर पड़ा। नतीजतन दो साल बाद ही हार्लो और मैकग्रे का तलाक हो गया। तलाक के बाद वो फिर से अपनी मां के पास चली गईं।
जब हार्लो को सक्सेस मिलने लगी, तब डायरेक्टर हॉवर्ड ह्यूजेस ने उन्हें फिल्मी पर्दे पर और ग्लैमरस दिखाने के बारे में सोचा। सबसे पहले उन्होंने पब्लिसिटी डायरेक्टर के साथ मिलकर हार्लो को प्लेटिनम ब्लॉन्ड का टैग दिया। फिर डायरेक्टर हॉवर्ड ने दस हजार डॉलर (जिसकी कीमत आज के समय में 8 लाख 26 हजार रुपए है) पर एक हेयर ड्रेसर को अपॉइंट किया। जिसका काम था हफ्ते में एक बार हार्लो के बाल को डाई करके एक परफेक्ट ब्लॉन्ड लुक तैयार करना।
1930 में रिलीज हुई फिल्म हेल्स एंजल्स की बदौलत हार्लो को बड़ी पहचान हासिल हुई, लेकिन फिल्म की मेकिंग की वक्त 4 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, 1927 में फिल्म की मेकिंग शुरू हो गई थी। इस दौरान डायरेक्टर हॉवर्ड ह्यूजेस को पायलट का लाइसेंस भी मिल गया, जिसकी मदद से उन्होंने फिल्म में हवाई जहाज का सीन फिल्माने के बारे में प्लान किया।

शूटिंग के शुरुआत में उनका प्लेन एक हादसे का शिकार हो गया, लेकिन वो बाल-बाल बच गए। इस हादसे के बाद भी वो ना रुके। उन्होंने 40 प्लेन को लीज पर लिया, जिसका इस्तेमाल उन्होंने फिल्म में असली एक्शन सीक्वेंस दिखाने के लिए किया। उसके लिए उन्होंने ट्रेंड पायलट को भी हायर किया। एक दिन प्लेन लैंड करते समय तार में फंस गया, जिसमें अल जॉनसन पायलट की जल कर मौत हो गई। फिर अगले दिन सीके फिलिप्स की मौत एक प्लेन दुर्घटना में हो गई। इसी दौरान पायलट रूपर्ट मैकलिस्टर की भी मौत हो गई, लेकिन उनकी मौत की साफ वजह नहीं पता चली। इतना ही नहीं, एक क्रैश सीन के दौरान मैकेनिक फिल जोन्स भी मौत का शिकार हो गए।
21वें बर्थडे के बाद हार्लो का फाॅक्स स्टूडियो के साथ काॅन्ट्रैक्ट खत्म हो गया। फिर उन्होंने MGM स्टूडियो के साथ काम करना शुरू कर दिया। यहां पर उन्हें लुक्स और परफेक्ट काॅमेडी एक्ट के लिए बड़े रोल दिए जाते थे। 1932 की कॉमेडी फिल्म रेड-हेडेड वुमन के लिए हर हफ्ते 1250 डाॅलर फीस मिलती थी।

कुछ समय बाद हार्लो ने पाॅल बर्न से शादी कर ली, लेकिन दोनों का ये साथ सिर्फ कुछ महीनों के लिए ही था। दरअसल हार्लो फिल्म रेड डस्ट की शूटिंग में कहीं बाहर थीं, जब बर्न ने घर में खुद को गोली मार ली। बर्न की मौत की वजह ये बताई गई थी कि वो नपुंसक थे और इस कारण अपमानित महसूस करते थे। इसी वजह से उन्होंने सुसाइड कर लिया। लोगों का ये भी दावा था कि उनकी पहली पत्नी ने उनका कत्ल कर दिया था।

पति की मौत के बाद हार्लो की छवि खराब होने की डर से उन्हें फिल्म रेड-हेडेड वुमन से निकाल दिया गया और उनकी जगह दूसरी एक्ट्रेस को कास्ट कर लिया गया।
हार्लो और एक्टर क्लार्क गेबल की जोड़ी को फैंस काफी पसंद करते थे। इस वजह से फिर से दोनों को फिल्म होल्ड योर मैन में कास्ट किया गया। दोनों की साथ में ये तीसरी फिल्म थी, जो बाॅक्स ऑफिस पर हिट रही।
30 के दशक में हार्लो अमेरिका की सबसे बड़ी एक्ट्रेसेस में से एक थीं। 1932 तक हार्लो MGM की एकमात्र ऐसी एक्ट्रेस बन कर उभरी थीं, जिनकी लगभग सभी फिल्में बाॅक्स ऑफिस पर हिट रहीं। फैंस इनकी फिल्मों के इस कदर दीवाने थे कि ग्रेट डिप्रेशन के दौर में भी हार्लो की फिल्में बाॅक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करती थीं।
बर्न की मौत का हार्लो को गहरा दुख पहुंचा था, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने बॉक्सर मैक्स बेयर को डेट करना शुरू कर दिया। हालांकि तब तक मैक्स का पहली पत्नी के साथ तलाक नहीं हुआ था। दूसरी तरफ हार्लो पर MGM कंपनी सिनेमैटोग्राफर हेरोल्ड रॉसन से शादी करने का दबाव डाल रही थी, इसके पीछे कोई कानूनी मसला था। आखिरकार हार्लो ने हेरोल्ड रॉसन से शादी कर ली।
हेराल्ड और हार्लो की शादीशुदा जिंदगी सिर्फ 8 महीने ही चली, फिर तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने एमजीएम स्टार विलियम पॉवेल को डेट किया। दोनों करीब 2 साल तक रिश्ते में थे, लेकिन पाॅवेल शादी करने का वादा नहीं कर सके जिस वजह से उनका अलगाव हो गया।

इसी दौरान अपेंडेक्टोमी बीमारी की वजह से हार्लो को हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा। कुछ समय बाद वो फिर से अपनी मां के पास चली गईं। इन दिनों हार्लो को शराब की भी लत गई थी, जिसे छुड़ाने के लिए मां ने उन्हें डाइट कराना शुरू कर दिया था। इसका उन पर गलत असर पड़ा। डाइट की वजह से उनका चेहरा सूख गया, पेट में ब्लाटिंग हो गई और बाल भी अधिक झड़ने लगे। एक्टिंग में परफेक्ट थीं, तो इन सबके बावजूद फिल्मों में काम मिलते गए।

अतिंम दो साल हार्लो के लिए कठिन साबित हुए। जब वो फिल्म साराटोगा की शूटिंग कर रही थीं, तभी उन्हें दांत में कुछ दिक्कत हुई और सर्जरी कर 4 दांत निकलवाने पड़े। 2 महीने बाद इसी सर्जरी की वजह से इंफेक्शन हो गया। साथ में पेट संबंधी समस्या भी शुरू हो गई। पूरी शरीर सूज गया। बीमारी में दिए जाना वाला इंजेक्शन डेक्सट्रोज, आराम देने के बजाय स्लो पॉइजन का काम कर रहा था। मरने से 4 दिन पहले उनकी हालात में थोड़ा सुधार हुआ था, तो वो शूटिंग करने लिए सेट पर वापस आईं, लेकिन 7 जून 1937 को किडनी फेल होने की वजह से उनकी मौत हो गई। मौत के समय वो सिर्फ 26 साल की थीं।

उनकी मौत के कई सारे कारण बताए गए। जब हार्लो छोटी थीं, तब उन्हें स्कारलेट फीवर हो गया, जो एक तरीके का खतरनाक फीवर था, लेकिन उनकी मां ने सही इलाज नहीं कराया, जिस वजह से उनकी किडनी धीरे-धीरे खराब हो गई और मौत की वजह बनी।

दूसरी वजह ये भी बताई गई कि 20 साल की उम्र में उनका दो बार अबॉर्शन हुआ था, कई बार इन्फ्लूएंजा की चपेट में आईं और निमोनिया भी हुआ। इन सब बीमारियों का इलाज सही ढंग से नहीं हुआ था, जिस वजह से वो बहुत कमजोर हो गई थीं।

हार्लो की मौत के बाद उनके पार्टनर विलियम पॉवेल ने फाॅरेस्ट मेमोरिल पार्क में एक प्राइवेट रूम खरीदा। वहां पर हार्लो का मकबरा भी था। अमेरिका में उनका एक म्यूजियम आज भी है। जहां उनकी वो सारी चीजें सहेजी हुई हैं। उनका वो बिस्तर भी वैसा ही रखा हुआ है, जिस पर हार्लो सोया करती थीं।

ये वो प्राइवेट रुम है जिसे विलियम पॉवेल ने खरीदा था। इस कमरे की कीमत तब 25 हजार डॉलर थी, जिसकी कीमत आज के हिसाब से 5 लाख 9 हजार डॉलर के करीब है।
हार्लो ने फिल्म साराटोगा की 90% शूटिंग ही पूरी की थी। बाकी बचे हुए पार्ट की शूटिंग बाॅडी डबल के मदद से पूरी की गई। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। ये ही हार्लो की आखिरी फिल्म भी थी।