मनोज बाजपेयी की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है अब थिएटर्स में भी रिलीज हो गई है। OTT के बाद थिएटर्स में रिलीज होने वाली ये पहली फिल्म है। जाहिर है कि 23 मई को फिल्म ZEE 5 पर स्ट्रीम होनी शुरू हुई थी। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर फिल्म को लेकर जबरदस्त रिस्पॉन्स सुनने और देखने को मिल रहा था।
फिल्म के मेकर्स काफी दिनों से इसे थिएटर्स में रिलीज करने की बात कर रहे थे। अब दिल्ली, मुंबई और यूपी सहित देश के पांच राज्यों में फिल्म को रिलीज किया गया है। इसी बीच फिल्म के राइटर दीपक किंगरानी ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है।
फिल्म में बाबा का एक भी डायलॉग नहीं है। इसकी वजह बताते हुए दीपक कहते हैं- हम फिल्म को पॉजिटिव रखना चाहते थे। हर फिल्म के लेखक के पास कहानी के दो पहलू होते हैं। वो चाहे तो नकारात्मक पहलू उठा सकता है या सकारात्मक। हम फिल्म में किसी की छवि को खराब नहीं करना चाहते थे।हम फैक्ट पर बात कर रहे थे।
ये फिल्म उस वकील की कहानी है जिसने बाबा की जमानत नहीं होने दी। फिल्म में जोधपुर पुलिस और दिल्ली पुलिस के अच्छे काम को दिखाया गया है। हम कहानी के सकारात्मक पहलू को दिखाना चाहते थे। बाबा के वाद-विवाद से लोगों की भावनाएं भी आहत हो सकती थी। फिल्म के नायक वकील सोलंकी थे। असली फोकस उन पर किया गया था।
फिल्म में मनोज बाजपेयी एक वकील पीसी सोंलकी के किरदार में हैं। रियल लाइफ में आसाराम के खिलाफ पीसी सोलंकी नाम के ही एक वकील ने केस लड़ा था।
बाबा को बचाने में बड़े-बड़े वकील भी नाकाम हो गए। क्या राजनीतिक संरक्षण न मिल पाने की वजह से बाबा फंस गए। जवाब में दीपक ने कहा- हम फिल्म में किसी राजनीतिक एंगल को नहीं लाना चाहते थे। इस केस में जिन लोगों ने अच्छा काम किया है हमने केवल उन्हीं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया।
हमने दिखाया कि कैसे एक लड़की ने इतने बड़े बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बिना किसी दबाव में शिकायत दर्ज भी की। हमने दिखाया कि कोर्ट और जजों ने ईमानदारी के साथ काम किया। एक नॉर्मल वकील ने सही तरीके से काम किया। हमने इस तमाम पॉजिटिव पहलुओं को फिल्म में दिखाया है। हमने इस फिल्म को राजनीति से दूर रखा।
दीपक से पूछा गया कि क्या फिल्म को बनाने के लिए राइट्स लिए गये थे या फिर पब्लिक डोमेन में जो चीजें उपलब्ध है उन्हीं पर फिल्म को बनाया गया। जवाब में दीपक ने कहा कि फिल्म के राइट्स मेकर्स ने खरीदे थे।
फिल्म पर विवाद देखने को मिला था। ट्रेलर रिलीज होने के बाद आसाराम बापू ट्रस्ट ने फिल्म के मेकर्स को नोटिस जारी कर दिया था। दरअसल फिल्म में दिखाया गया है कि एक बाबा ने 16 साल की लड़की का रेप किया है।दीपक से पूछा गया कि क्या वे इसका दूसरा पार्ट भी लेकर आएंगे। जवाब में वे कहते हैं- अभी इस तरह की कोई प्लानिंग नहीं की गयी हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ये काफी विवादित चीजें हैं।
हम भी बच्चों के पिता है और घर से काम के लिए बाहर जाते हैं। ऐसे में हमें भी अपने जीवन और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता रहती हैं। इस फिल्म को बनाने के पीछे का संदेश यह था कि पॉक्सो एक्ट के बारे में हम लोगों को ठीक से समझा सकें।