गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहती है। इसके लिए दल ने चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है। खबर है कि पार्टी ने जिलेवार और सीटवार नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि कई राज्यों के बड़े मंत्री भी भाजपा के प्रचार के लिए गुजरात का रुख कर सकते हैं। भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से अब तक विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया गया है।
182 सीटों वाले गुजरात को 4 हिस्सों, उत्तर, पश्चिम, मध्य क्षेत्र और सौराष्ट्र में बांटा गया है। कि राज्य के मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों और आरएसएस से जुड़े लोगों को क्षेत्रों और जिलेवार जिम्मेदारियां दी गई हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के नताओं को क्रमश: सौराष्ट्र, पश्चिम, उत्तर और मध्य क्षेत्र की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्रियों को कांग्रेस के नियंत्रण वाली सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। एजेंसी के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्र देव सिंह को अंबासा, मांडवी, भुज, अंजर, गांधीधाम और रापड़ दिए गए हैं। राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांद बाजपेयी को जूनागढ़ क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है। बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जूनागढ़, विश्वाधार, मंगरोल, मनवदार में जीत दर्ज की थी। जबकि, भाजपा यहां केवल केशोद सीट जीत सकी थी।
एमपी के नेताओं को मध्य क्षेत्र का जिम्मा सौंपा गया है। सूत्रों के मुताबिक, अनुसूचित जनजाति को ध्यान में रखेत हुए एमपी के दो नेताओं को दो-दो सीटें दी गई हैं। मध्य गुजरात में 7 जिले हैं और यहां की 37 सीटों पर भाजपा का शासन है। इनमें दाहोद, महिसागर, मेहसाणा और बड़ौदा शहरी सीट का नाम शामिल है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बानसकांठा का काम देखेंगे। उनके अलावा अरविंद सिंह भदौरिया के पास भरूच और इंद्र सिंह परमार के पास खेड़ा का जिम्मा है।
गुजरात के उत्तर क्षेत्र में राजस्थान से आए प्रवासियों की संखअया काफी ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य के 18 से 20 प्रतिशत मतदाता राजस्थान के प्रवासी हैं। ऐसे में भाजपा ने राजस्थान सरकार में मंत्री सुशील कटारा समेत कुछ नेताओं को क्षेत्र का काम सौंपा है।
राज्यमंत्री जेपीएस राठौर महिसागर जिले के बालासिनोर, लूनवाड़ा और संतरामपुर सीट पर जिम्मेदारी निभाएंगे। बीते चुनाव में भाजपा को संतरामपुर सीट पर सफलता मिली थी। जबकि, कांग्रेस ने बालसिनोर सीट जीती थी। लूनवाड़ा सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में आई थी। राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह राजकोट जिला देखेंगे।
राज्य में बीते 24 सालों से भाजपा की सरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राज्य में 12 साल से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहे। उनसे पहले केशुभाई पटेल ने भी यह पद संभाला। मोदी के बाद आनंदीबेन पटेल, विजय रूपाणी भी सीएम रहे और फिलहाल यह गद्दी भूपेंद्र पटेल संभाल रहे हैं। खास बात है कि इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी भी दम भर रही है, जिसके चलते मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है।सर्वे बताते हैं कि राज्य में अभी भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के ही बीच है। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है।